*सफलता की कहानी*
*सुशील प्रधान का जीजीयू में नेशनल डॉक्टोरल फेलोशिप के लिए हुआ चयन*
सारंगढ़ बिलाईगढ़, 25 दिसंबर 2025/ जिले के बरमकेला ब्लॉक के ग्राम कांदूरपाली के एक होनहार युवा सुशील प्रधान ने यह साबित कर दिया है कि यदि इरादे मजबूत हों, तो गरीबी और अभाव भी सफलता का रास्ता नहीं रोक सकते। सुशील का चयन भारत सरकार की प्रतिष्ठित संस्था भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद की ‘नेशनल डॉक्टोरल फेलोशिप’ के लिए हुआ है। वर्तमान में वे गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर के शिक्षा विभाग से अपना शोध (पीएचडी) कार्य कर रहे हैं। सुशील की यह यात्रा संघर्षों की एक अनूठी मिसाल है। आर्थिक कमी के कारण एक समय उन्हें अपनी पढ़ाई रोकनी पड़ी थी, जिसके बाद उन्होंने दो साल तक लगातार स्वयं मेहनत कर पैसे जुटाए और फिर स्नातक में दाखिला लिया।
सुशील एक प्रोफेशनल इलेक्ट्रिशियन भी है। अपनी इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर सुशील प्रधान ने इसका पूरा श्रेय अपने गुरु प्रोफेसर प्रसेनजीत पंडा, अपने परिवारजनों और अपने मित्रों के निरंतर सहयोग को दिया है। उनका कहना है कि अपने गुरु के इसी विश्वास और साथ ने उन्हें हर कठिन परिस्थिति से लड़ने की शक्ति दी।विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने भी उनकी इस सफलता को उनकी मेधा और अटूट लगन का परिणाम बताया है। सुशील की यह कहानी न केवल कांदूरपाली बल्कि पूरे प्रदेश के युवाओं के लिए एक मिसाल है कि कैसे पसीने और परिश्रम से अपनी किस्मत बदली जा सकती है। सुशील को उनकी इस शानदार कामयाबी पर क्षेत्रवासियों ने हार्दिक बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।








