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Saturday, December 27, 2025

डमी स्कूलों पर दिल्ली HC का शिकंजा: 11वीं-12वीं के दाखिले स्थगित, रजिस्ट्री में 75 लाख जमा करने का आदेश

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नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली में 11वीं व 12वीं के लिए डमी स्कूल चलाने या नए छात्रों को दाखिला देने वालों पर सख्त एक्शन लिया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगाते हुए स्कूल के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की है। एक डमी स्कूल के कामकाज पर कार्रवाई करते हुए अदालत ने नोट किया कि 12वीं कक्षा में सैकड़ों छात्रों का एडमिशन किया था। न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने रिचमंड ग्लोबल स्कूल के मालिक और प्रबंधन के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही भी शुरू की।

कोर्ट रजिस्ट्री में 75 लाख रुपये जमा करने का आदेश

अदालत ने स्कूल प्रबंधन को कोर्ट रजिस्ट्री में 75 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया, क्योंकि यह पैसा इन क्लास के सैकड़ों छात्रों से लिया गया था, जिनके बारे में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षण संस्थान (सीबीएसई) ने पाया कि वे कभी कक्षा में उपस्थित नहीं हुए, बल्कि सिर्फ कागजों पर ही उनका दाखिला हुआ था। अदालत ने उक्त टिप्पणी व निर्देश सीबीएसई के मान्यता वापस लेने के निर्णय को चुनौती देने वाली स्कूल प्रशासन और उसके कुछ छात्रों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया।

सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल में स्थानांतरण करने की अनुमति

अदालत ने स्कूल पर जुर्माना लगाते हुए 11वीं व 12वीं कक्षा में दाखिला के लिए 1,300 छात्रों में से 128 छात्रों को पास के सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल में स्थानांतरण करने की अनुमति दी और बोर्ड से अपना ऑनलाइन पोर्टल खोलने को कहा ताकि वे परीक्षा रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कर सकें।

स्कूल के रिकाॅर्ड होंगे चेक

अदालत ने कहा कि सीबीएसई अधिकारियों को स्कूल का रिकाॅर्ड चेक करने व कक्षा 12वीं में पढ़ने वाले 128 छात्रों के दाखिले के साथ-साथ उनकी उपस्थिति को भी सत्यापित करेगी। अदालत ने कह कि स्कूल एक हफ्ते के अंदर छात्रों को स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी करेगा और प्रमाण पत्र मिलने पर वे निहाल विहार में जेम्स काॅन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल दाखिला लेंगे।

अदालत ने कहा कि छात्र तीन महीने की तिमाही फीस के साथ-साथ परीक्षा फीस/लेट फीस का भुगतान करेंगे। इसके अलावा अदालत ने स्कूल के चेयरमैन निधि गुप्ता और मैनेजर ऋषभ गुप्ता को अलग-अलग हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया। जिसमें यह पुष्टि की जाए कि अब और छात्रों को दाखिला नहीं दिया जा रहा है।

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