शेयर बाजार में आई गिरावट की वजह एफपीआई आउटफ्लो भी है। अक्टूबर महीने से विदेशी निवेशकों ने निकासी का रूख अपनाया। नवंबर में भी विदेशी निवेशकों द्वारा आउटफ्लो जारी है। पीटीआई के अनुसार नवंबर में विदेशी निवेशकों ने 26,533 करोड़ रुपये तक की निकासी की है।एफपीआई आउटफ्लो के कारण भारतीय शेयर मार्केट में गिरावट आई है।
अक्टूबर में एफपीआई ने आउटफ्लो ही किया है। इस महीने निवेशकों ने 94,017 करोड़ रुपये की निकासी की थी। इस निकासी के बाद अब साल 2024 में नेट बेसिस पर कुल एफपीआई आउटफ्लो 19,940 करोड़ रुपये है।एपपीआई डेटा के अनुसार 22 नवंबर 2024 तक एफपीआई ने 26,533 करोड़ रुपये की निकासी की है। वहीं, अक्टूबर में कुल 94,017 करोड़ रुपये की निकासी हुई। यह आउटफ्लो के आधार पर सबसे खराब महीना रहा है। सितंबर 2024 में एफपीआई ने 57,724 करोड़ रुपये का इनफ्लो किया था जो 9-महीने के उच्चतम स्तर पर है।
विदेशी निवेशकों ने निराशाजनक तिमाही नतीजे आने के कारण आउटफ्लो कर रहे हैं। इसके अलावा ‘Sell India, Buy China’ खत्म हो गया है। अब ‘the Trump trade’ शुरू हुआ है। इसके बाद यूएस की वैल्यूएशन में शानदार तेजी आई।एफपीआई आउटफ्लो होने के बावजूद विदेशी निवेशक आईटी स्टॉक को खरीद रहे हैं। वह बैंकिंग स्टॉक को बेच रहे हैं। विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली से स्टॉक मार्केट में करेक्शन हो रही थी, लेकिन इस स्थिति में घरेलू संस्थागत निवेशकों द्वारा खरीद ने बाजार को सपोर्ट किया है।
एफपीआई ने 22 नवंबर तक डेट लिमिट से 1,110 करोड़ रुपये की निकासी की है। वहीं, VRR में 872 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस साल में अभी तक एफपीआई ने 1.05 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।