19.1 C
Raipur
Friday, November 14, 2025

स्वामीनॉमिक्स: क्या नीतीश कुमार ‘मुफ्तखोरी मॉडल’ से जीतना चाहते हैं बिहार? जानिए वोट-बैंक के इस फॉर्मूले का गणित

Must read

बिहार की राजनीति एक बार फिर ‘मुफ्तखोरी बनाम विकास’ के पुराने बहस के बीच फंसी नजर आ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी चुनावों से पहले जिस तरह से योजनाओं की झड़ी लगा रहे हैं, उससे साफ है कि सत्ता बनाए रखने के लिए वह ‘वोट के बदले लाभ’ वाले फार्मूले पर काम कर रहे हैं।

स्वामीनॉमिक्स’ के ताजा विश्लेषण में अर्थशास्त्री स्वामीनाथन अय्यर ने नीतीश कुमार की इस नीति को ‘वोट के बदले पैसा’ रणनीति बताया है। उनके मुताबिक, नीतीश सरकार अब विकास या सुशासन के बजाय सीधा कैश और फायदे देने की राजनीति पर फोकस कर रही है — जो भारत के कई राज्यों में नई चुनावी रणनीति बन चुकी है।

मुफ्त योजनाओं की बाढ़

नीतीश कुमार ने हाल के महीनों में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, बेरोजगारी भत्ता, वृद्ध पेंशन, और नए छात्रवृत्ति कार्यक्रमों में बजट बढ़ाने का ऐलान किया है। इन योजनाओं के जरिये राज्य सरकार लाखों परिवारों तक सीधा आर्थिक लाभ पहुंचा रही है। विपक्ष इसे “मुफ्तखोरी की राजनीति” कह रहा है, जबकि नीतीश सरकार इसे “जनकल्याण” का नाम दे रही है।

‘वोट बैंक’ को साधने की कोशिश

विश्लेषकों का कहना है कि नीतीश कुमार का फोकस महिलाओं, युवाओं और गरीब तबके पर है — जो बिहार में सबसे बड़ा वोट बैंक है। राजनीतिक रूप से यह कदम चुनावी दृष्टि से बेहद समझदारी भरा है, क्योंकि मुफ्त योजनाएं तुरंत असर दिखाती हैं, जबकि विकास परियोजनाओं का असर धीरे-धीरे आता है।

क्या आर्थिक रूप से टिकाऊ है यह मॉडल?

स्वामीनॉमिक्स रिपोर्ट चेतावनी देती है कि अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो बिहार की वित्तीय स्थिति पर बड़ा असर पड़ सकता है। राज्य की जीडीपी वृद्धि दर पहले से ही राष्ट्रीय औसत से कम है, और लगातार सब्सिडी या कैश ट्रांसफर योजनाएं बजट घाटे को बढ़ा सकती हैं।

राजनीतिक फायदा या आर्थिक नुकसान?

जहां नीतीश कुमार को इससे तात्कालिक राजनीतिक लाभ मिल सकता है, वहीं दीर्घकाल में यह मॉडल राजकोषीय अनुशासन के लिए चुनौती बन सकता है। स्वामीनाथन अय्यर के मुताबिक, “भारत की राजनीति अब ‘विकास मॉडल’ से ‘मुफ्तखोरी मॉडल’ की ओर मुड़ती दिख रही है, और बिहार इसका सबसे ताजा उदाहरण है।”

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article