आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक सनसनीखेज बयान ने पूरे देश में कोहराम मचा दिया है। हिंदुओं के आस्था के सबसे बड़े केंद्रों में से एक तिरुपति बालाजी मंदिर के ‘लड्डू प्रसादम’ में जानवरों की चर्बी मिली होती थी। सीएम नायडू ने पूर्ववर्ती सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उनलोगों के सरकार में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होती थी। हमारे शासनकाल में अब शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जा रहा है। नायडू के बयान से प्रदेश में सियासी बवाल छिड़ गया है। हालांकि, नायडू के आरोप को ने सिरे से खारिज कर दिया है। वहीं आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है। मंदिर का संचालन तिरुमला तिरुपति देवस्थानम करता है।
दरअसल बुधवार (18 सितंबर) को एनडीए विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए सीएम नायडू ने कहा कि वाईएसआरसीपी सरकार ने विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में में लड्डू बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया था। शुद्ध घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया था। अब शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और टीटीडी के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने नायडू के आरोप को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए कहा किटीडीपी सुप्रीमो राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। चंद्रबाबू नायडू ने दिव्य मंदिर तिरुमाला की पवित्रता और सैकड़ों करोड़ हिंदुओं की आस्था को नुकसान पहुंचाकर बहुत बड़ा पाप किया।
उन्होंने कहा कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद पर उन्होंने बेहद खराब टिप्पणियां की हैं। मनुष्य जन्म में जन्मा कोई भी व्यक्ति इस तरह की टिप्पणी नहीं करता और ऐसे आरोप नहीं लगाता। उनके इस आरोप से यह साबित हो गया चंद्रबाबू राजनीति के फायदे के कुछ भी कर सकते हैं।
वहीं, इस मामले में आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने जगन मोहन रेड्डी प्रशासन पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर हमारा सबसे पवित्र मंदिर है। मैं यह जानकर स्तब्ध हूं कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी प्रशासन ने तिरुपति प्रसाद में घी के बजाय जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया।