2024 : सभी ग्रहों में देवगुरु को सबसे शुभ ग्रह माना जाता है. बृहस्पति का सभी ग्रहों से मैत्रीपूर्ण संबंध है. देवगुरु बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी हैं. बृहस्पति कर्क राशि में उच्च के और मकर राशि में नीच के होते है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रह समय-समय पर अपनी राशि बदलते हैं और ये ग्रह वक्री एवं मार्गी भी हो जाते हैं. ग्रहों की चाल में बदलाव के कारण इसका प्रभाव सभी राशियों के लोगों पर पड़ता है.
पंचांग के अनुसार, गुरु 9 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 1 मिनट पर वृषभ राशि में वक्री हो जाएंगे और अगले वर्ष 4 फरवरी 2025 की दोपहर 1 बजकर 46 मिनट में इसी अवस्था में रहेंगे और फिर मार्गी हो जाएंगे. 9 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि भी पड़ रही है
अक्टूबर माह में 12 साल बाद बृहस्पति का आपकी राशि में वक्री होना अत्यंत लाभकारी रहेगा. दूसरे भाग में बृहस्पति आपकी राशि से पीछे रहेगा. इस प्रकार बृहस्पति का शुभ प्रभाव आपके शरीर और व्यक्तित्व पर पड़ेगा, आपको समाज में मान-सम्मान मिलेगा और कार्यों में अच्छी सफलता मिलेगी. इस अवधि में आपको अच्छा आर्थिक लाभ मिलने की प्रबल संभावना है. आपको अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी. दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा. जीवनसाथी के साथ आने वाला समय सुखद रहेगा.
बृहस्पति का वृषभ राशि में वक्री होना सिंह राशि के जातकों के लिए बहुत शुभ है. बृहस्पति आपकी कुंडली के कर्म भाव में आपकी राशि के पीछे रहेगा. जिससे आपके काम में प्रगति और अच्छा मुनाफा और कारोबार में विस्तार की संभावना है. आपको आय के विभिन्न और एकाधिक स्रोत मिलेंगे. सिंह राशि के जातकों को अचानक धन लाभ होने की संभावना है. इस अवधि में नौकरीपेशा लोगों को वेतन वृद्धि और प्रमोशन भी मिल सकता है. जो काम अधूरा था वह अब पूरा होगा.
अक्टूबर माह में देवगुरु बृहस्पति की वक्री चाल कर्क राशि के जातकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी. बृहस्पति आपके आय और लाभ भाव में वक्री होगा. इस तरह आपको अच्छा मुनाफा मिल सकता है. इस अवधि में आपको अपनी पैतृक संपत्ति से भी यह लाभ मिल सकता है. कुछ नई योजनाएं बहुत प्रभावशाली रहने वाली हैं. ट्रेडिंग में आपको अच्छा मुनाफा मिल सकता है.