भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में साफ कहा कि अब भारतीय सेना पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और आत्मनिर्भर है। उन्होंने बालाकोट एयर स्ट्राइक पर उठे सवालों का जवाब देते हुए आलोचकों को खरी-खरी सुनाई और बताया कि हालिया ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सैन्य इतिहास में क्यों खास है।
बालाकोट स्ट्राइक पर उठे सवाल
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि बालाकोट स्ट्राइक के बाद देश में ही एक वर्ग लगातार सवाल उठा रहा था। उन्होंने कहा, “हमसे बार-बार पूछा गया कि असल में नुकसान कितना हुआ। सैटेलाइट तस्वीरों में सिर्फ डॉट्स नजर आते थे, इसलिए आलोचक मानने को तैयार नहीं थे।”
उन्होंने बताया कि हालांकि उस समय भारतीय वायुसेना ने ह्यूमैन इंटेलिजेंस के जरिए पुष्टि की थी कि आतंकी ठिकानों पर बड़ा नुकसान हुआ है।
ऑपरेशन सिंदूर में मिली खुली छूट
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी सफलता यही रही कि इस बार राजनीतिक नेतृत्व पूरी तरह सेना के साथ खड़ा रहा। “हमें कोई रोक-टोक नहीं थी। जो योजना हमने बनाई, उसे उसी तरह लागू करने की छूट मिली।”
उन्होंने कार्यक्रम में मुरीदके में हुए हमले का वीडियो दिखाकर यह भी बताया कि कैसे आतंकी ठिकानों पर अंदर तक तबाही हुई।
तीनों सेनाओं और एजेंसियों का तालमेल
एयर चीफ ने बताया कि इस बार सिर्फ वायुसेना ही नहीं, बल्कि थल सेना, नौसेना, CDS और NSA समेत कई एजेंसियां साथ आईं। “हम सभी एकजुट होकर बैठे, चर्चा की, योजना बनाई और उसे लागू किया। यह राष्ट्रीय सुरक्षा में बदलाव का सबसे बड़ा उदाहरण है।”
बालाकोट बनाम ऑपरेशन सिंदूर
- बालाकोट स्ट्राइक में भारतीय विमानों ने पाकिस्तान में दाखिल होकर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था।
- ऑपरेशन सिंदूर में भारत को पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की भी जरूरत नहीं पड़ी। भारतीय सीमा से ही मिसाइल और ड्रोन दागकर आतंकियों को खत्म किया गया।
यह बदलाव दर्शाता है कि भारत की सैन्य शक्ति अब और आधुनिक और स्मार्ट हो चुकी है।
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