वैज्ञानिकों ने एक नए खतरनाक बैट कोरोनावायरस सहित 36 नए वायरस की पहचान की है, जो रैकून कुत्तों, मिंक और गिनी पिग जैसे जानवरों में पाए गए हैं. ये वायरस चीन के फर फार्मों में मिले हैं, जहां छोटे पैमाने पर इन जानवरों को पाला जाता है. यह शोध ‘नेचर जर्नल’ में प्रकाशित हुआ है, जिसमें यह भी बताया गया है कि यह नया कोरोनावायरस छोटे फार्मों में फैला है.
सिडनी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और वायरोलॉजिस्ट एडी होम्स के अनुसार, फर फार्म बहुत समृद्ध जूनोटिक सूप का प्रतीक हैं, जहां वायरस का प्रसार तेज़ी से हो सकता है. उन्होंने चीन के वैज्ञानिकों के साथ इस शोध में सहयोग किया और पाया कि इन फार्मों में न केवल आम जानवर, बल्कि गिनी पिग और हिरण जैसे जीवों में भी वायरस की उपस्थिति देखी गई है.
फर फार्मों में जानवरों के वायरस का प्रसार
इन छोटे खेतों में आमतौर पर बीमारी की निगरानी नहीं की जाती, लेकिन इस अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ कि ये जानवर वायरस से भरे हुए हैं. कुछ वायरस विभिन्न प्रजातियों में फैल रहे हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं. प्रोफेसर होम्स ने इसे भविष्य की महामारी के संकेत के रूप में देखा है, जिसमें वन्यजीवों से आने वाले वायरस अहम भूमिका निभा सकते हैं.
शोधकर्ताओं ने 461 जानवरों का परीक्षण किया, जिनमें से अधिकतर उत्तर पूर्वी चीन के थे. ये सभी जानवर बीमारी से पीड़ित होकर मारे गए थे. वैज्ञानिकों ने 125 विभिन्न प्रकार के वायरस की पहचान की, जिनमें से 36 बिल्कुल नए थे. इनमें से 39 वायरसों में अधिक स्पिलओवर क्षमता देखी गई, जिसका अर्थ है कि वे विभिन्न प्रजातियों में फैल सकते हैं.
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कोरोनावायरस की पहचान और खतरा
शोध दल ने 7 कोरोनावायरस की पहचान की, जिनका मूल मेजबान कृंतक, खरगोश और कुत्ते थे. हालांकि, इनमें से कोई भी Sars-Cov-2 से संबंधित नहीं था, लेकिन एक नया बैट कोरोनावायरस, जिसे HKU5 नाम दिया गया है, मिंक के फेफड़ों और आंतों में पाया गया. यह वायरस उन मिंक में पाया गया, जो फर फार्म में निमोनिया के प्रकोप से मारे गए थे.
HKU5: एक चेतावनी संकेत
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि HKU5 वायरस इंसानों तक पहुंच सकता है, और इसे तुरंत निगरानी सूची में शामिल करने की आवश्यकता है. वैज्ञानिकों ने चीन और दुनिया भर के फर फार्मों पर कड़ी निगरानी की सिफारिश की है.
मिंक फार्म लंबे समय से वायरस के उत्परिवर्तन के लिए उपयुक्त माने जाते रहे हैं. 2020 में, डेनमार्क ने अपनी लगभग 50 लाख मिंक आबादी को मार दिया था, जब कोविड-19 मिंक में प्रवेश कर उत्परिवर्तित होकर वापस मनुष्यों में फैल गया था.