बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक चौंकाने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जहां एक महिला को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर डराया-धमकाया गया. साथ ही उससे करीब 32 करोड़ रुपए ठग लिए गए. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. जानकारी के अनुसार यह ठगी 15 सितंबर 2024 से शुरू हुई और कई महीनों तक चली. ठगों ने सीबीआई, साइबर क्राइम और आरबीआई का नाम लेकर महिला को Digital Arrest किया और घर में कैदी बनाकर रखा. पुलिस में दर्ज करवाई गई शिकायत में महिला ने बताया कि 15 सितंबर की सुबह 11 बजे उसे एक फोन पर कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को डीएचएल कंपनी का कर्मचारी बताया.
सीबीआई बन डराया
उसने कहा, “आपने मुंबई के अंधेरी डीएचएल सेंटर से एक पैकेज बुक किया है. पैकेज में 3 क्रेडिट कार्ड, 4 पासपोर्ट और ड्रग्स (एमडीएमए) मिले हैं.” पीड़िता ने कहा, “मैं मुंबई गई ही नहीं, मैं तो बेंगलुरु में रहती हूं.” इसपर ठग ने जवाब दिया, “यह साइबर क्राइम है. आपका नाम, पता और फोन नंबर का गलत इस्तेमाल हुआ है.” ये कहकर कॉल को सीबीआई के नाम से किसी और को ट्रांसफर कर दिया.
सीबीआई बताने वाले व्यक्ति ने महिला को धमकाया और कहा “सबूत आपके खिलाफ हैं. आप जिम्मेदार हैं. अगर आपने लोकल पुलिस को बताया या वकील से मदद ली, तो आपकी जान को खतरा है. अपराधी आपके घर की निगरानी कर रहे हैं,” उन्होंने कहा, “परिवार को कुछ मत बताना, वरना उन्हें भी फंसाया जाएगा.”
ठगों ने स्काइप ऐप डाउनलोड करने को कहा. एक व्यक्ति मोहित हांडा बनकर आया. उसने कहा, “कैमरा ऑन रखो, आप घर में नजरबंद हैं.” दो दिन तक पीड़िता पर नजर रखी गई. फिर प्रदीप सिंह नाम के कथित सीबीआई अधिकारी से वीडियो कॉल पर मिलवाया गया. प्रदीप सिंह ने अच्छा व्यवहार दिखाया, लेकिन डराया भी. फिर राहुल यादव नाम का एक और व्यक्ति आया, जो हफ्ते भर स्काइप पर नजर रखता रहा. पीड़िता डर की वजह से घर से बाहर नहीं निकली और काम भी घर से किया.








