दिल्ली में जहरीली हवा का प्रकोप है। लोगों के इसके प्रति अलर्ट रहना होगा। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर मौजूद धूल, प्रदूषण का एक प्रमुख कारण बनी हुई है। आयोग के उड़न दस्तों ने ‘ऑपरेशन क्लीन एयर’ के तहत दिल्ली भर में 321 सड़कों का निरीक्षण किया।
जमीनी स्तर पर हो रहा काम या नहीं, लगाया गया पता
निरीक्षण का उद्देश्य यह पड़ताल करना था कि सड़कों पर कितनी धूल जमी है और क्या दिल्ली नगर निगम (MCD), नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) सफाई, झाड़ू लगाने और धूल-निरोधक उपाय के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं या नहीं।
35 मार्गों पर पर धूल का स्तर बहुत अधिक
जिन 321 मार्गों का निरीक्षण किया गया, उनमें से 35 पर धूल का स्तर बहुत अधिक, 61 पर मध्यम और 94 पर धूल का स्तर कम दिखाई पड़ा जबकि 131 मार्गों पर धूल नहीं दिखाई दी। आयोग ने एक बयान में बताया कि नतीजे एक बार फिर इस बात पर जोर देते हैं कि सड़कों पर धूल, खासकर सर्दियों में, दिल्ली में प्रदूषण का एक प्रमुख कारक है।
27 मार्गों पर नहीं मिली धूल
बयान के मुताबिक, आयोग ने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए नियमित रूप से यांत्रिक सफाई, जमा हुई धूल को समय पर हटाना, फुटपाथों का रखरखाव और पानी का छिड़काव जरूरी है। जिन मार्गों की पड़ताल की गई, उनमें से सबसे अधिक 182 मार्ग एमसीडी के नियंत्रण वाली थीं और ज्यादा धूल वाले सभी सभी 35 क्षेत्र निगम के अधिकार क्षेत्र में पाए गए। बयान में बताया गया कि 50 हिस्सों में धूल का स्तर मध्यम और 70 में यह कम रहा, जबकि 27 मार्गों पर धूल नहीं मिली।
MCD को सड़कों की सफाई तेज करने की जरूरत
आयोग ने बताया कि इससे पता चलता है कि एमसीडी को सड़कों की सफाई तेज करने की जरूरत है, खासकर उन हिस्सों में जहां धूल बार-बार आ जाती है। बयान में बताया गया कि तुलनात्मक रूप से एनडीएमसी का प्रदर्शन बेहतर रहा।
CPWD की किसी सड़क पर ज्यादा धूल की शिकायत नहीं
निरीक्षण की गईं 133 सड़कों में से 100 पर धूल नहीं दिखी, जबकि 24 सड़कों पर धूल का स्तर कम तथा 9 पर यह स्तर मध्यम था। एनडीएमसी की कोई भी सड़क उच्च-धूल वाली श्रेणी में नहीं आई। सीपीडब्ल्यूडी की किसी भी सड़क पर अत्यधिक धूल की शिकायत नहीं मिली।
धूल नियंत्रण मानदंडों को पालन करने का निर्देश
हालांकि, सीपीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सिर्फ 6 सड़कों का निरीक्षण किया गया, जिनमें से दो पर धूल का स्तर मध्यम था, जबकि चार पर धूल नहीं दिखी। आयोग ने सभी एजेंसियों, विशेषकर एमसीडी से, सफाई व्यवस्था सुदृढ़ करने, यांत्रिक सफाई कार्यक्रम में सुधार करने और धूल नियंत्रण मानदंडों एवं उसके निर्देशों का अधिक सख्ती से पालन करने को कहा।








