ओवरवर्क ओबेसिटी, यानी की काम की अधिकता के चलते व्यक्ति का मोटा होना. ऐसी स्थिति में न सिर्फ व्यक्ति मोटापे का शिकार होता है, बल्कि वह मानसिक रूप से भी अस्वस्थ होने लगता है. यह समस्या आमतौर पर उन लोगों में बहुतायत में देखी जाती है, जो लंबे समय से एक ही जगह बैठकर काम करते हैं. यानी वे लोग जो ऑफिस वर्क करते हैं, कम्प्यूटर वर्क करते हैं या फिर कॉल सेंटर, या फिर किसी शॉप में काम करते हैं. जानकार कहते हैं कि आपका वर्क आपकी हेल्थ एक-दूसरे से इंटरलिंक होते हैं
वर्क प्रेशर की वजह से युवा एंग्जासइटी, ओबेसिटी और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का अधिक शिकार हो रहे हैं. तो इस आर्टिकल के जरिए चलिए जानते हैं कि क्या होती है ओवरवर्क ओबेसिटी? व इस समस्या से कैसे बचें.
जो व्यक्ति लंबे समय तक काम के प्रेशर और अनहेल्दी लाइफस्टाइल में जीते हैं, वे ओवरवर्क ओबेसिटी के शिकार होते हैं. सीधे-सीधे कहें तो काम के चलते शरीर पर ध्यान न देना, इसके चलते व्यक्ति मोटा होता चला जाता है. यही है ओवरवर्क ओबेसिटी.
आज हर 3-4 व्यक्ति इस बीमारी का शिकार है, क्योंकि काम का प्रेशर इतना ज्यादा है. कई प्रोफेशनल्स तो काम के लिए खाना तक छोड़ देते हैं, या फिर अनहेल्दी, प्रोसेस्ड फूड्स खाते हैं. फिर क्या है, नतीजा होता है कि वजन को बढ़ता चले जाता है. इस सबके लिए हमारी लाइफ-स्टाइल जिम्मेदार है और हम ही जिम्मेदार हैं.
काम के बाद सामान्य थकान से अधिक थकावट महसूस होना. अंगों में दर्द, तनाव, रोजमर्रा के काम करने में भी थकान लगना, मानसिक और शारीरिक गतिविधियों में धीमी पड़ना, सुस्ती और अंत में नीद न आना. ये सभी ओवरवर्क ओबेसिटी के लक्षण हैं, जिन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है. इससे बचना है तो आपको काम के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेने ही होंगे. एक्सर्साइज, योगा, मेडिटेशन करना होगा. पौष्टिक भोजन करना होगा. फल, सब्जियां, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना होगा.