दीपावली का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। इस साल दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। यह दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस मौके पर पूजा-पाठ करने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है। वहीं इस मौके पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? आइए उनके बारे में जानते हैं।
- दीपावली हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।
- दीपावली रोशनी और दीपों का त्योहार है।
- दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है।
दीपावली या दीवाली का अर्थ है रोशनी और दीयों का त्योहार। यह हिंदुओं के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस शुभ दिन पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस मौके पर धन की देवी की विधिवत पूजा करते हैं, उन्हें अपार धन और दौलत की प्राप्ति होती है, क्योंकि यह वही, पावन समय है जब माता लक्ष्मी धरती लोक पर आती हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करती हैं।
- प्रदोष काल के दौरान पूजा करें।
- वेदी पर ही प्रतिमा को स्थापित करें।
- अपने घर को साफ रखें
- शुभता और अच्छे भाग्य के लिए सोना और चांदी की वस्तुएं घर लाएं व मां लक्ष्मी को चढ़ाएं।
- वेदी का स्थान ईशान कोण और मूर्तियों का स्थान घर के पूर्वी कोने में होना चाहिए।
- ज्यादा से ज्यादा घर में दीपक जलाएं और पूरे घर को रोशन करें।
- घर पर सात्विक भोजन बनाएं।
- मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं।
- मिट्टी या चांदी की मूर्तियों को प्राथमिकता दें।
- पूजा करते समय शांति और पवित्रता बनाए रखें।
- घर के प्रवेश द्वार पर कुमकुम और हल्दी से स्वस्तिक बनाएं।
- पूजा के दौरान जूते-चप्पलों को दूर रखें।
- शराब का सेवन करने से बचें।
- दीवाली के दिन रात भर अखंड दीये को भरते रहें ताकि लौ बुझ न जाए।
- इस मौके पर लोहे के बर्तनों का प्रयोग न करें।
- इस शुभ दिन पर भूलकर भी तामसिक भोजन जैसे – मांस प्याज, लहसुन और अंडे आदि का सेवन न करें।
- अपनी पत्नी, मां, बहन और बेटी का अनादर न करें, क्योंकि इससे जीवन में अशुभता आती है।
- दिवाली के दिन किसी को पैसे उधार न दें।
- लक्ष्मी पूजा के दौरान कभी भी काले रंग के कपड़े न पहनें।
- विवाद करने से बचें।
- ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।
- ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः।
- ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा।।