आरबीआई अगर नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करता है, तो घर खरीदने की क्षमता में वृद्धि देखने को मिल सकती है। समय के साथ कुल 50 आधार अंकों (बीपीएस) की कटौती का फैसला घर खरीदने वालों को राहत देगा।
जेएलएल के होम परचेज अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स (एचपीएआई) के अनुसार, अगले कुछ महीनों में रेपो रेट में कमी से 2025 तक दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु को छोड़कर अधिकांश आवासी बाजारों में घर खरीदने की सामर्थ्य बढ़ सकती है। , आवासीय बाजार में फिलहाल लगातार तेजी का अनुभव हो रहा है। जेएलएल के अनुसार, 2024 में आवासीय बिक्री 3,05,000-3,10,000 इकाइयों तक पहुंचने की उम्मीद है और 2025 में यह बढ़कर 3,40,000-3,50,000 यूनिट हो जाने का अनुमान है।
स्वस्थ आय वृद्धि, संभावित ब्याज दर में कटौती और मूल्य वृद्धि में नरमी के संयोजन से अगले 12 महीनों में सामर्थ्य में सुधार होने की उम्मीद है, जिससे मध्यम अवधि में भारत के आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र में निरंतर बाजार गतिविधि और निरंतर मजबूत प्रदर्शन का मार्ग प्रशस्त होगा।
जेएलएल की 2024 के अंत से पहले दरों में कटौती को लेकर अनश्चितता जताई गई है, लेकिन विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 12 महीनों में कुल 50 आधार अंकों की कमी होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मौद्रिक सहजता से अर्थव्यवस्था में उधार लेने की लागत कम होने की उम्मीद है, जिससे घर खरीदने वालों और डेवलपर्स दोनों को लाभ होगा।