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Sunday, December 22, 2024

Christmas 2024: कौन थे संत निकोलस जो बन गए सेंटा क्लॉज? पढ़ें लाल ड्रेस और सफेद दाढ़ी वाले की कहानी

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दुनियाभर में 25 दिसंबर को क्रिसमस का पर्व भक्ति और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दिन ईसा मसीह के जन्म का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि वह ईश्वर के पुत्र व दूत थे। इस दिन लोग अपने घरों और क्रिसमस ट्री को तरह-तरह की लाइट्स फूल व अन्य चीजों से सजाते हैं। साथ ही चर्च जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं। ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह दिन बहुत महत्व रखता है, जिसकी झलक चारों तरफ देखने को मिलती है। वहीं, इस दिन बच्चों को सेंटा क्लॉज से भी मिलने का इंतजार रहता है, तो आइए यहां पर जानते हैं कि आखिर कौन थे सेंटा क्लॉज

सेंटा क्लॉज को तो आप सभी जानते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि उनका असली नाम संत निकोलस था, जो बहुत खुशमिजाज व्यक्ति थे। संत निकोलस का जन्म 280 ईस्वी में तुर्कमेनिस्तान के शहर मायरा में हुआ था। बचपन में ही उनके माता- जन्मे की मृत्यु हो गई थी। इतने कठिन हालातों के बावजूद उन्होंने अपनी अच्छाई को खोने नहीं दिया और जीसस क्राइस्ट की नियमित भक्ति करते रहें। इसके साथ ही वे पहले पादरी और बाद में बिशप बनें।

आपको बता दें, संत निकोलस की पत्नी का नाम क्लॉज था, जिनके साथ वे प्रभु यीशु की भक्ति मगन रहते हैं। कहा जाता है कि उन्हें छोटे बच्चों को गिफ्ट्स देना और लोगों में प्यार बांटना काफी पंसद था, जिसके चलते वह रात के अंधेरे में अपनी पहचान छुपाते हुए बच्चों को गिफ्ट्स देने निकला करते थे, जिससे लोग उनके बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी न पा सकें।

जानकारी के लिए बता दें कि उनकी यह तोहफे बांटने की आदत डच लोक चरित्र ‘सिंटरक्लास’ का आधार बनी, जिसे अमेरिका में सांता क्लॉज के तौर पर जाना गया। कहते हैं कि संत निकोलस रंग बिरंगे कपड़े पहनते थे और बारहसिंगा रूडोल्फ पर बैठकर लोगों में उपहार बांटते थे। जानकारी के लिए बता दें कि संत निकोलस ने 6 दिसंबर 343 ईस्वी में मायरा शहर में अपनी आखिरी सांस ली थी।

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