सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक नोट में कहा है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) कैलेंडर वर्ष 2025 के दौरान रेपो रेट में 75 आधार अंकों की कटौती कर सकती है। नोट में कहा गया है कि आरबीआई दर कटौती चक्र पर काम कर रहा है। ऐसे में यह उम्मीद की जा सकती है कि और भी कटौती की जाएगी। हालांकि, इसके समय पर बहस हो सकती है।
क्या कहते हैं अर्थशास्त्री?
बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री सोनल बधान ने कहा कि कुल मिलाकर हम इस कैलेंडर वर्ष में 75 आधार अंकों की कटौती का अनुमान लगा रहे हैं। अप्रैल की बैठक में आर्थिक स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
क्या होता है रेपो दर?
विकास व मुद्रास्फीति की गतिशीलता के आधार पर एमपीसी एक और कटौती या रुख में बदलाव का विकल्प चुन सकती है। रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को उधार देता है।
रेपो रेट में हुई थी कटौती
आरबीआई ने शुक्रवार को ही रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती की है। इस कटौती के बाद रेपो रेट 6.50 प्रतिशत से घटकर 6.25 प्रतिशत रह गया है। बीते पांच वर्षों में यह पहली कटौती है। उधर, एसबीआई रिसर्च ने कहा है कि यदि महंगाई का रुझान अनुकूल बना रहता है तो आरबीआई अप्रैल में रेपो रेट में एक और कटौती कर सकता है।
एसबीआई का कहना है कि आरबीआई दीर्घकालिक मूल्य स्थिरता और सतत आर्थिक वृद्धि को लेकर प्रतिबद्ध है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने महंगाई के अनुमान 4.8 प्रतिशत को बरकरार रखा है, जबकि अगले वित्त वर्ष में महंगाई 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।