भारत लगातार डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब एक नया कदम उठाते हुए भारत ने रूस से आने वाले पर्यटकों और कारोबारियों को भी कैशलेस पेमेंट का विकल्प उपलब्ध कराने की दिशा में पहल की है। इससे न सिर्फ दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्ते मजबूत होंगे, बल्कि टूरिज्म और ट्रेड को भी नया आयाम मिलेगा।
क्या है नया बदलाव?
भारत में आने वाले रशियन नागरिकों को अब कैश लेकर घूमने की जरूरत नहीं होगी। वे यहां डिजिटल तरीके से पेमेंट कर सकेंगे। इसके लिए भारत और रूस के बीच पेमेंट गेटवे इंटीग्रेशन की प्रक्रिया शुरू की गई है।
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भारतीय UPI (Unified Payments Interface) को रूस के MIR पेमेंट सिस्टम से जोड़ा जा रहा है।
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इससे रशियन टूरिस्ट भारत में QR कोड स्कैन करके सीधा अपने कार्ड/अकाउंट से पेमेंट कर पाएंगे।
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इसी तरह भारतीय नागरिक जब रूस जाएंगे तो वे MIR नेटवर्क का फायदा उठा पाएंगे।
क्यों है यह कदम अहम?
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रशियन टूरिस्ट्स की बढ़ती संख्या – भारत हर साल हजारों रूसी पर्यटकों का स्वागत करता है, खासकर गोवा, केरल और हिमाचल जैसे डेस्टिनेशंस पर।
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कैश की दिक्कत खत्म – अब तक विदेशी टूरिस्ट्स को कैश एक्सचेंज की दिक्कत होती थी। यह सुविधा उन्हें बिना झंझट के पेमेंट करने में मदद करेगी।
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भारत-रूस आर्थिक रिश्ते – दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। अब कैशलेस पेमेंट सिस्टम इस साझेदारी को और गहरा करेगा।
कौन दे रहा है यह सुविधा?
यह सुविधा भारत के NPCI (National Payments Corporation of India) और रूस के National Payment Card System (NSPK) के सहयोग से दी जा रही है।
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NPCI ने UPI को भारत के हर कोने तक पहुंचाया है।
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NSPK रूस का लोकल पेमेंट नेटवर्क है, जिसका सबसे लोकप्रिय ब्रांड है MIR कार्ड।
दोनों संस्थानों के बीच समझौते के बाद जल्द ही यह सुविधा भारत के प्रमुख टूरिस्ट सेंटर्स और बड़े शहरों में शुरू हो जाएगी।
ग्राहकों और टूरिज्म सेक्टर को क्या होगा फायदा?
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आसान पेमेंट – अब रशियन नागरिक होटल, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्ट और शॉपिंग के लिए सीधा QR स्कैन कर पेमेंट कर पाएंगे।
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सुरक्षित ट्रांजैक्शन – कैश ले जाने का रिस्क नहीं रहेगा।
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टूरिज्म ग्रोथ – गोवा जैसे टूरिस्ट हब में रशियन टूरिस्ट्स की संख्या बढ़ सकती है।
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इंडियन इकॉनमी को बढ़ावा – कैशलेस ट्रांजैक्शन से टैक्स और रेवेन्यू कलेक्शन में आसानी होगी।
एक्सपर्ट्स की राय
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहल भारत की डिजिटल इंडिया मुहिम को और मजबूत बनाएगी। जैसे पहले UPI को सिंगापुर, UAE और नेपाल में इंटीग्रेट किया गया, वैसे ही अब रूस के साथ भी यह सहयोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की टेक्नोलॉजी लीडरशिप को दिखाता है।
भविष्य में क्या?
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भारत आने वाले समय में और भी देशों के पेमेंट नेटवर्क को UPI से जोड़ सकता है।
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इससे विदेशी पर्यटकों के लिए भारत घूमना और आसान हो जाएगा।
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भारतीय नागरिक भी विदेश में UPI जैसे सिस्टम का उपयोग कर पाएंगे।