भारत में सोने की कीमतों ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भू-राजनीतिक तनाव और निवेशकों की बढ़ती सुरक्षित निवेश की मांग के कारण घरेलू बाजार में सोना ₹1,19,500 प्रति 10 ग्राम तक पहुँच गया।
क्यों बढ़ रही हैं सोने की कीमतें?
भू-राजनीतिक तनाव – मध्य पूर्व और एशिया में बढ़ती अनिश्चितताओं ने निवेशकों को सोने की ओर खींचा है।
विदेशी मुद्रा अस्थिरता – रुपये की कमजोरी और डॉलर की मजबूती का सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ा।
निवेशकों की सुरक्षित शरण – शेयर बाजार में गिरावट और विदेशी पूंजी निकासी के बीच निवेशक सोने को सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं।
घरेलू बाजार का हाल
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख सर्राफा बाजारों में सोने के दाम में तेजी देखने को मिली।
चाँदी की कीमतें भी बढ़कर ₹1,48,000 प्रति किलो तक पहुँच गईं।
आम लोगों और उद्योग पर असर
आम उपभोक्ता: त्योहार और शादी के सीजन से पहले सोने की कीमतों में बढ़ोतरी ने ग्राहकों की जेब पर बोझ डाला है।
ज्वेलरी कारोबार: ज्वेलर्स का मानना है कि दामों में उछाल से शॉर्ट टर्म में बिक्री धीमी हो सकती है।
निवेशक: निवेशकों के लिए सोना अभी भी एक सुरक्षित और लंबी अवधि का बेहतर विकल्प माना जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय हालात सामान्य होते हैं तो सोने में मामूली करेक्शन संभव है।
लेकिन लंबी अवधि में सोना निवेशकों के पोर्टफोलियो में सुरक्षा कवच बना रहेगा।
निष्कर्ष
सोने की कीमतों का ₹1,19,500 प्रति 10 ग्राम तक पहुँचना भारतीय बाजार के लिए ऐतिहासिक है। हालांकि यह आम खरीदारों के लिए चिंता का विषय है, लेकिन निवेशकों के लिए सोना अब भी सबसे भरोसेमंद एसेट बना हुआ है।