दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल, दशहरा 2025 2 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा।
दशहरा 2025 कब मनाया जाएगा: तिथि और दिन
दशमी तिथि के दिन विशेष पूजा और रावण दहन के माध्यम से बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाता है। इस वर्ष विजयादशमी का मुहूर्त दोपहर 2:09 बजे से 2:56 बजे तक रहेगा। इस दौरान किए गए शुभ कार्य अत्यंत फलदायी माने जाते हैं।
रावण दहन: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक
दशहरे के दिन रावण के पुतले को दहन करना सबसे प्रमुख परंपरा है। मिट्टी और लकड़ी से बनाए गए रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले को आमतौर पर शाम के समय जलाया जाता है। इस दौरान रामलीला का आयोजन और भजन-कीर्तन भी होते हैं, जो त्योहार के महत्व को और बढ़ा देते हैं।
घर और मंदिर में पूजा विधि
रावण दहन के साथ ही घर और मंदिरों में पूजा विधि का पालन किया जाता है। लोग राम कथा का पाठ करते हैं, हवन करते हैं और माता सीता और भगवान राम की आरती करते हैं। यह दिन व्रत रखने, गरीबों को दान देने और लाल वस्त्र पहनने के लिए भी शुभ माना जाता है।
दशहरे का सामाजिक और पारिवारिक महत्व
दशहरे का पर्व बच्चों और युवाओं को नैतिक शिक्षा देने का अवसर भी प्रदान करता है। रावण दहन और रामलीला के माध्यम से अच्छाई और बुराई की पहचान समझाई जाती है। यह पर्व केवल धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि संस्कृति, परंपरा और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी है। दशहरा 2025 अपने शुभ मुहूर्त और परंपरागत पूजा विधि के साथ देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।