आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब सिर्फ एक टूल नहीं रह गया है, बल्कि यह खुद फैसले लेने वाले ऑटोनॉमस सिस्टम में बदल रहा है। इसे ही Agentic AI कहा जाता है। यह नई पीढ़ी का AI न सिर्फ इंसानों को सहारा देता है, बल्कि खुद से काम पूरे करने और जटिल समस्याओं को हल करने में सक्षम होता जा रहा है।
Agentic AI क्या है?
अब तक AI का इस्तेमाल इंसानों की मदद करने के लिए होता था – जैसे चैटबॉट्स, वॉइस असिस्टेंट या ऑटोमेशन टूल्स। लेकिन Agentic AI इससे आगे है। यह सिर्फ निर्देश (instructions) पर निर्भर नहीं करता। यह खुद सोचने, योजना बनाने और निर्णय लेने की क्षमता रखता है। इसे हम एक डिजिटल एजेंट कह सकते हैं, जो इंसान की तरह काम संभालता है।
Agentic AI बना पारंपरिक AI
- पारंपरिक AI: सिर्फ टास्क पूरा करता है, जैसे कोई सवाल का जवाब देना।
Agentic AI: पूरा वर्कफ़्लो संभाल सकता है – जैसे मार्केटिंग कैंपेन डिजाइन करना, ग्राहक से बात करना और रिपोर्ट तैयार करना।
2025 में इसका असर
बिज़नेस में क्रांति:
कंपनियां Agentic AI की मदद से ऑटोमेटेड डिसीजन मेकिंग कर पाएंगी। इससे लागत घटेगी और समय बचेगा।
शिक्षा में बदलाव:
Agentic AI बच्चों के लिए पर्सनल टीचर की तरह काम करेगा – सिलेबस डिजाइन करेगा, कमजोरियों को समझेगा और सिखाने का तरीका बदलेगा।
Health सेक्टर में मदद:
यह डॉक्टरों को मरीज की हिस्ट्री, रिपोर्ट और सही इलाज के विकल्प ऑटोमैटिक तरीके से सुझा सकेगा।
ई-कॉमर्स और कस्टमर सर्विस:
Agentic AI खुद ग्राहक से बातचीत कर सकता है, ऑर्डर कंफर्म कर सकता है और समस्या का समाधान कर सकता है।
संभावित चुनौतियाँ
डेटा प्राइवेसी का बड़ा खतरा रहेगा।
गलत निर्णय (Wrong Decisions) का रिस्क रहेगा क्योंकि AI इंसानों जैसा अनुभव नहीं रखता।
नौकरियों पर असर – कई छोटे काम ऑटोमेट हो सकते हैं।
निष्कर्ष
Agentic AI सिर्फ एक टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि आने वाले समय का डिजिटल साथी है। यह इंसानों की जगह नहीं लेगा, बल्कि उनके साथ मिलकर काम को और आसान और स्मार्ट बनाएगा। भारत जैसे देश के लिए यह एक बड़ा अवसर है, बशर्ते इसका इस्तेमाल जिम्मेदारी और संतुलन के साथ किया जाए।