Stock Market में लगातार उतार-चढ़ाव और गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 2025 में अगर मार्केट पर दबाव बना रहा तो बड़ी संख्या में लोग सोने (Gold Investment) की ओर रुख करेंगे। यही वजह है कि सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है।
निवेशकों की रणनीति
शेयर बाजार में जोखिम बढ़ने पर निवेशक हमेशा सुरक्षित विकल्प की तलाश करते हैं। सोना लंबे समय से सुरक्षित निवेश माना जाता है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय गोल्ड में निवेश करना निवेशकों के लिए ज्यादा स्थिर और सुरक्षित साबित हो सकता है।
सरकार पर असर
सोने की मांग बढ़ने का सीधा असर सरकार के विदेशी मुद्रा भंडार और आयात बिल पर पड़ सकता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोना आयात करने वाला देश है। अगर सोने की खरीदारी तेज होती है तो सरकार को आयात बिल बढ़ने और चालू खाते के घाटे (Current Account Deficit) में इजाफे की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
आम जनता और घरेलू बाजार
घरेलू बाजार में सोने की बढ़ती कीमतें आम जनता की जेब पर असर डाल सकती हैं। खासकर त्योहारों और शादियों के सीजन में सोने की खरीदारी बढ़ती है, जिससे कीमतें और ऊपर जाने की संभावना रहती है।
शेयर बाजार की चुनौतियां
शेयर बाजार पर इस समय वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका, विदेशी निवेशकों की निकासी और घरेलू राजनीतिक अनिश्चितताओं का असर दिखाई दे रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर जल्द ही सकारात्मक संकेत नहीं मिले तो निवेशक गोल्ड को ही प्राथमिकता देंगे।
निष्कर्ष
Gold vs Stock Market 2025 में साफ दिख रहा है कि निवेशकों का भरोसा धीरे-धीरे सोने की ओर बढ़ रहा है। जहां शेयर बाजार अस्थिरता से जूझ रहा है, वहीं गोल्ड सुरक्षित विकल्प बनकर उभर रहा है। हालांकि, सरकार और अर्थव्यवस्था के लिए सोने की बढ़ती मांग नई चुनौतियां खड़ी कर सकती है।