भारत में Smart City मिशन के तहत शहरों में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं। सरकार और प्राइवेट सेक्टर की मिलीजुली पहल से न सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो रहा है, बल्कि Technology आधारित सेवाओं का विस्तार भी बढ़ रहा है।
Technology का इस्तेमाल
नई स्मार्ट सिटी योजनाओं में:
AI और IoT का इस्तेमाल ट्रैफिक मैनेजमेंट और सार्वजनिक सुरक्षा में किया जा रहा है।
स्मार्ट लाइटिंग और सेंसर्स के माध्यम से ऊर्जा की बचत और प्रदूषण नियंत्रण किया जा रहा है।
डिजिटल गवर्नेंस से नागरिकों को ऑनलाइन सेवाएँ आसान और तेज़ मिल रही हैं।
निवेश और रोजगार के अवसर
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में केंद्र और राज्य सरकारों के अलावा प्राइवेट कंपनियों का भी निवेश बढ़ा है। अनुमान है कि 2025 तक इन प्रोजेक्ट्स में ₹50,000 करोड़ से अधिक का निवेश होगा। इससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, खासकर तकनीकी और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में।
शहरों पर असर
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स से शहरों का चेहरा तेजी से बदल रहा है। पुराने ट्रैफिक जाम वाले इलाके अब स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम के तहत बेहतर नियंत्रण में हैं । सार्वजनिक परिवहन और पार्किंग सिस्टम को डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ा गया है।नागरिकों को अब स्मार्ट ऐप्स के माध्यम से शिकायत दर्ज करने और सेवाओं का फायदा लेने की सुविधा मिल रही है।
निष्कर्ष
भारत का स्मार्ट सिटी मिशन 2025 तक देश के शहरों को आधुनिक, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। टेक्नोलॉजी और निवेश का संयोजन न केवल शहरों की जीवनशैली बदल रहा है, बल्कि आर्थिक और रोजगार अवसरों को भी बढ़ावा दे रहा है।