अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2025 में New Guidline जारी की है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करना और भविष्य की महामारी से निपटना है। WHO के अनुसार, COVID-19 जैसी वैश्विक स्वास्थ्य आपदाओं ने स्पष्ट किया कि देशों को समय रहते सतर्क रहना जरूरी है।
New Guidline के मुख्य बिंदु
सक्रिय निगरानी (Active Surveillance):
सभी देशों को अपने स्वास्थ्य सिस्टम में बीमारी की शुरुआती पहचान के लिए मजबूत निगरानी तंत्र बनाने का निर्देश।
वैश्विक डेटा शेयरिंग:
देश अब संक्रमण संबंधी डेटा तुरंत WHO के साथ साझा करेंगे ताकि वैश्विक स्तर पर तेज़ी से कार्रवाई की जा सके।
टीकाकरण और आपूर्ति श्रृंखला:
जीवनरक्षक दवाइयों और वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की सलाह।
तत्काल प्रतिक्रिया टीम (Rapid Response Teams):
किसी भी महामारी के फैलने पर तुरंत सक्रिय होने वाली टीमें तैयार रखने का निर्देश।
भारत और अन्य देशों पर प्रभाव
भारत जैसे विकासशील देशों में स्वास्थ्य ढांचा और अस्पतालों की क्षमता को मजबूत करने की आवश्यकता है।
वैश्विक सहयोग से वैक्सीन, दवा और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार होगा।
भविष्य में महामारी की पहली लहर में जल्दी कार्रवाई संभव होगी।
विशेषज्ञों की राय
डॉक्टर्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि WHO की यह नई गाइडलाइन वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे देशों को आपदा प्रबंधन में रणनीतिक योजना बनाने और जोखिम कम करने में मदद मिलेगी।
निष्कर्ष
WHO 2025 की नई गाइडलाइन वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव और सुधार लाने वाली है। सक्रिय निगरानी, डेटा शेयरिंग, टीकाकरण और तेजी से प्रतिक्रिया से भविष्य की महामारियों को रोकना आसान होगा। हर देश के लिए यह जरूरी है कि वे इन दिशानिर्देशों को अपनाएं और वैश्विक सहयोग में भाग लें।
WHO ने 2025 में नई गाइडलाइन जारी की है, जो वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा और महामारी रोकथाम के लिए अहम कदम है। जानिए इसमें कौन‑से मुख्य उपाय और देशों के लिए प्रभाव हैं।