भारत में 2025 तक सरकारी कामकाज पहले से कहीं अधिक तेज, पारदर्शी और डिजिटल हो चुका है। जहाँ पहले लोगों को छोटे-छोटे कामों के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे, वहीं अब अधिकतर सेवाएँ ऑनलाइन पोर्टल्स और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से उपलब्ध हो रही हैं। यह बदलाव न केवल समय की बचत कर रहा है बल्कि भ्रष्टाचार और देरी जैसी समस्याओं को भी कम कर रहा है।
डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस
सरकारी कामकाज को आधुनिक बनाने में डिजिटल इंडिया मिशन की अहम भूमिका रही है। राशन कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस जैसी सेवाएँ अब ऑनलाइन आवेदन और ट्रैकिंग के जरिए आसान हुई हैं।
“UMANG” और “DigiLocker” जैसे ऐप्स ने दस्तावेज़ों को डिजिटल और सुरक्षित बना दिया है। लोग अब सरकारी योजनाओं का लाभ घर बैठे उठा सकते हैं।
नौकरी और भर्ती प्रक्रिया
2025 में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया भी पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी हो चुकी है। पहले जहाँ रिजल्ट और नोटिफिकेशन पाने में हफ्तों लग जाते थे, वहीं अब ऑनलाइन पोर्टल्स और ऐप्स से तुरंत जानकारी मिलती है। भर्ती प्रक्रिया में ऑनलाइन एग्ज़ाम और ई-काउंसलिंग ने छात्रों को सुविधाजनक विकल्प दिया है। इससे युवाओं को सरकारी कामकाज पर अधिक भरोसा हुआ है।
सरकारी योजनाओं का लाभ
कई बार लोग सरकारी योजनाओं तक पहुँच नहीं बना पाते थे, लेकिन अब डिजिटलीकरण ने इसे आसान बना दिया है।किसानों के लिए PM-Kisan योजना, छात्रों के लिए स्कॉलरशिप पोर्टल और महिलाओं के लिए सुरक्षा व कल्याण योजनाएँ सीधे बैंक खातों में DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए पहुँच रही हैं। लाभार्थियों को अब मध्यस्थों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता, जिससे पारदर्शिता बनी है।
आम जनता को सुविधाएँ
साधारण नागरिकों के लिए भी सरकारी कामकाज सरल हुआ है। बिजली बिल, पानी बिल, टैक्स भरना अब ऑनलाइन पेमेंट गेटवे से आसान हो गया है। शिकायत निवारण के लिए ऑनलाइन हेल्पडेस्क और चैटबॉट्स बनाए गए हैं। लोगों को सरकारी दफ्तरों की लंबी कतारों से मुक्ति मिल रही है।
पारदर्शिता और जवाबदेही
- डिजिटल रिकॉर्ड्स और ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम ने सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ाई है।
- अब हर आवेदन को ट्रैक किया जा सकता है।
- सरकारी अफसरों की जवाबदेही तय हो रही है।
- इससे जनता और सरकार के बीच भरोसा मजबूत हुआ है।