सरकार ने हाल ही में स्मार्ट सिटी Infrastructure प्रोजेक्ट्स में अरबों रुपये का निवेश करने की घोषणा की है। इस निवेश का मुख्य उद्देश्य शहरों को डिजिटल, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है। सड़क, पानी, ऊर्जा और डिजिटल नेटवर्किंग के क्षेत्र में सुधार के लिए यह कदम अहम माना जा रहा है।
डिजिटल और टिकाऊ शहरों का निर्माण
इस निवेश से बड़े शहरों में स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। इसमें शामिल हैं:
डिजिटल और IoT-आधारित सिटी मैनेजमेंट
स्मार्ट सड़कें और ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम
उन्नत पानी और ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली
हरित और टिकाऊ निर्माण
रोजगार और आर्थिक विकास
विशेषज्ञों का मानना है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में निवेश से न सिर्फ शहरों की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि नौकरी और आर्थिक अवसर भी बढ़ेंगे। स्थानीय उद्योग, स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी कंपनियां इन प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बनकर देश की आर्थिक प्रगति में योगदान देंगी।
पर्यावरण पर सकारात्मक असर
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में फोकस केवल डिजिटलाइजेशन तक सीमित नहीं है। यह पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचत की दिशा में भी बड़ा कदम है। ग्रीन बिल्डिंग, स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट और इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क शहरों को ज्यादा टिकाऊ बनाएंगे।
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 5–10 साल में भारत के बड़े शहर स्मार्ट और डिजिटल हब बन सकते हैं। इसके लिए सरकार और प्राइवेट सेक्टर का सहयोग बेहद जरूरी है।