India-Afghanistan Relations: भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्तों में एक नया मोड़ आने वाला है। भारत सरकार काबुल में स्थित अपना राजदूतावास दोबारा खोलने की तैयारी कर रही है। यह कदम न सिर्फ दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करेगा बल्कि अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीयों और विकास परियोजनाओं के लिए भी बड़ा सहारा बनेगा।
क्यों हुआ था दूतावास बंद?
अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद सुरक्षा कारणों से भारत ने अपना दूतावास बंद कर दिया था। उस समय भारतीय राजनयिकों और नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता थी। लेकिन अब हालात कुछ हद तक स्थिर होने पर भारत ने फिर से अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का फैसला किया है।
भारत के लिए यह क्यों जरूरी?
भारत लंबे समय से अफगानिस्तान में विकास कार्यों और मानवीय मदद से जुड़ा रहा है। सड़कों, डैम, अस्पतालों और शिक्षा संस्थानों के निर्माण में भारत का अहम योगदान रहा है। दूतावास के दोबारा खुलने से भारत इन परियोजनाओं को आगे बढ़ा सकेगा और वहां के लोगों को सीधा सहयोग प्रदान कर पाएगा।
कूटनीतिक दृष्टिकोण
दूतावास फिर से खोलने से भारत को अफगानिस्तान के साथ सीधे संवाद का अवसर मिलेगा। यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता, व्यापारिक रिश्तों और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देगा। साथ ही, यह संदेश भी जाएगा कि भारत अफगानिस्तान की जनता के साथ खड़ा है।
विशेषज्ञों की राय
विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की स्ट्रैटेजिक डिप्लोमेसी को और मजबूत करेगा। हालांकि, सुरक्षा की चुनौती अभी भी बनी हुई है, लेकिन भारत इस दिशा में संतुलित और सतर्क रणनीति अपनाकर आगे बढ़ना चाहता है।