देश में इस बार सर्दी अपने तय समय से पहले दस्तक देने वाली है। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, दिल्ली और उत्तर भारत के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से नीचे दर्ज किया जा रहा है। इस बदलाव की वजह हिमालयी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ को माना जा रहा है।
दिल्ली में सर्दी की जल्दी एंट्री
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से सुबह-शाम ठंडी हवाओं ने लोगों को हल्की ठंड का एहसास कराना शुरू कर दिया है।मौसम विभाग के अनुसार, अगले हफ्ते से न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुँच सकता है।इसके साथ ही, हवा में नमी और धुंध भी बढ़ने लगी है — जो सर्दी के मौसम की शुरुआती निशानी है।
उत्तर भारत में बढ़ रही बर्फबारी
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में मौसम के शुरुआती हिमपात ने तापमान में तेजी से गिरावट ला दी है। इससे मैदानों में ठंडी हवाएं पहुँच रही हैं, जिसके कारण दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में ठंड बढ़ने लगी है।
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान
IMD के विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल ला-नीना (La Niña) का प्रभाव दिख सकता है, जिससे सर्दी पिछले सालों की तुलना में ज्यादा कड़ी पड़ेगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, दिसंबर से जनवरी के बीच देश के उत्तरी हिस्सों में शीतलहर की स्थिति बन सकती है।
कृषि और स्वास्थ्य पर असर
कड़ाके की ठंड का असर किसानों और आम लोगों दोनों पर पड़ेगा। जहां किसान रबी फसलों के लिए इसे अनुकूल मौसम मान रहे हैं, वहीं डॉक्टरों ने सर्दी-जुकाम, खांसी और अस्थमा रोगियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
सरकार की तैयारियाँ शुरू
दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में प्रशासन ने पहले से ही सर्दी से बचाव की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। शेल्टर होम्स की संख्या बढ़ाई जा रही है और जरूरतमंदों को कंबल व कपड़े उपलब्ध कराने की योजनाएँ बनाई जा रही हैं। मौसम में बदलाव के शुरुआती संकेत यह बता रहे हैं कि इस बार सर्दी लंबी और ज्यादा ठंडी हो सकती है। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के लोगों को जल्द ही गरम कपड़ों की जरूरत पड़ने वाली है।