भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में सदस्यता हासिल कर वैश्विक स्तर पर अपनी कूटनीतिक ताकत और विश्वसनीयता को सिद्ध किया है। यह पुनः निर्वाचन भारत की लोकतांत्रिक मूल्यों, मानवाधिकारों की रक्षा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में सक्रिय भूमिका को दर्शाता है।
भारत की बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि
संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुए चुनाव में भारत को भारी समर्थन मिला। यह चुनाव 2025–2027 के कार्यकाल के लिए आयोजित किया गया था। भारत की जीत से स्पष्ट है कि विश्व समुदाय को देश की लोकतांत्रिक नीतियों और संतुलित विदेश नीति पर भरोसा है।
वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका
भारत UNHRC में लंबे समय से मानवाधिकार, समानता और सामाजिक न्याय की आवाज़ उठाता रहा है। इस पुनः निर्वाचन के साथ भारत को: मानवाधिकार नीतियों के निर्माण में अहम योगदान देने का अवसर मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय शांति और न्याय के मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाने का मौका मिलेगा। विकासशील देशों के हितों को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का मंच मिलेगा।
भारत की कूटनीति और वैश्विक विश्वास
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की यह सफलता उसकी संतुलित विदेश नीति और सहयोगात्मक दृष्टिकोण का परिणाम है। भारत ने हमेशा से समानता, सह-अस्तित्व और मानवीय मूल्यों पर आधारित दृष्टिकोण अपनाया है, जो उसे अन्य देशों से अलग पहचान देता है।
विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस अवसर पर कहा —
“यह पुनः निर्वाचन भारत की नीतियों और लोकतांत्रिक मूल्यों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विश्वास का प्रतीक है। हम मानवाधिकार संरक्षण और वैश्विक न्याय के लिए लगातार प्रतिबद्ध रहेंगे।”