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Monday, October 27, 2025

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण संकट गहराया: सरकार ने GRAP-3 लागू कर सख्त कदम उठाए, निर्माण कार्यों पर रोक और डीज़ल वाहनों पर निगरानी तेज़

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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक सीमा पार कर गया है। लगातार घटती वायु गुणवत्ता को देखते हुए केंद्र सरकार ने ‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (GRAP) का तीसरा चरण लागू कर दिया है। यह निर्णय पर्यावरण प्रदूषण (निवारण एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) और आयोग द्वारा लिया गया, ताकि हालात बिगड़ने से पहले ही रोकथाम की जा सके।

AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुँचा

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर का औसत AQI 420 से ऊपर दर्ज किया गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे इलाकों में धुंध की मोटी परत छाई हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि वाहनों का धुआं, पराली जलाना और औद्योगिक गतिविधियाँ प्रदूषण के मुख्य कारण बने हुए हैं।

GRAP-3 के तहत लागू सख्त नियम

GRAP के तीसरे चरण में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कठोर उपाय लागू किए गए हैं —

  • निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर तुरंत रोक — केवल जरूरी सरकारी परियोजनाओं (जैसे मेट्रो, अस्पताल) को छूट दी गई है।
  • डीज़ल जेनरेटर पर प्रतिबंध — अस्पतालों और आपात सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी स्थानों पर डीज़ल जेनरेटर बंद रखने का आदेश।
  • वाहन संचालन पर सख्ती — पुराने डीज़ल वाहनों पर निगरानी बढ़ाई गई है। भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।
  • सड़कों पर जल छिड़काव और धूल नियंत्रण — नगर निगमों को निर्देश दिया गया है कि मुख्य मार्गों पर नियमित जल छिड़काव करें और एंटी-स्मॉग गन का उपयोग बढ़ाएं।

सरकार की कार्रवाई और निगरानी व्यवस्था

दिल्ली सरकार ने सभी संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग यूनिट्स की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, “ग्रीन दिल्ली ऐप” के ज़रिए नागरिकों को प्रदूषण से संबंधित शिकायतें दर्ज कराने की सुविधा दी गई है। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो GRAP का चौथा चरण लागू किया जा सकता है, जिसमें स्कूलों की छुट्टी और निजी वाहनों पर प्रतिबंध जैसे कदम भी शामिल होंगे।

पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई

हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। सरकार ने राज्यों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर स्थानीय प्रशासन कार्रवाई नहीं करता, तो केंद्र वित्तीय सहायता रोक सकता है।इसके साथ ही किसानों को पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी वाले उपकरण और प्रोत्साहन देने की योजना भी चलाई जा रही है।

जनता के लिए सलाह और प्रतिबंध

स्वास्थ्य विभाग ने दिल्लीवासियों को सलाह दी है कि वे सुबह और शाम के समय बाहर न निकलें, N-95 मास्क का उपयोग करें, और घरों में एयर प्यूरीफायर या पौधों का इस्तेमाल बढ़ाएं। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और सांस से जुड़ी बीमारियों वाले लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है।

राजधानी की हवा पर निगरानी जारी

केंद्र और राज्य एजेंसियाँ लगातार प्रदूषण के स्तर पर नज़र रख रही हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि नवंबर के पहले सप्ताह में ठंडी हवाओं की कमी से प्रदूषण और बढ़ सकता है। हालांकि सरकार का दावा है कि यदि GRAP-3 का सही पालन हुआ, तो आने वाले दिनों में AQI में सुधार संभव है।

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