भारत के पूर्वी तट पर एक बार फिर समुद्री तूफान का खतरा मंडरा रहा है। चक्रवात ‘मोंथा’ (Cyclone Montha) ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय जिलों में अलर्ट बढ़ा दिया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इन दोनों राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया है और प्रशासन को पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
चक्रवात ‘मोंथा’ की रफ्तार और दिशा
IMD के अनुसार, चक्रवात फिलहाल बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में सक्रिय है और इसकी गति लगभग 110 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों में यह उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बढ़ेगा और विशाखापट्टनम, श्रीकाकुलम, गंजाम और पुरी जिलों को प्रभावित कर सकता है। केंद्र ने नौसेना और NDRF की 30 से अधिक टीमों को तटीय इलाकों में अलर्ट मोड पर रखा है।
रेड अलर्ट और प्रशासनिक तैयारी
आंध्र प्रदेश और ओडिशा सरकारों ने प्रभावित जिलों में रेड अलर्ट घोषित करते हुए स्कूल-कॉलेज बंद करने के आदेश दिए हैं। तटीय गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित (evacuate) किया जा रहा है। NDRF और SDRF की टीमें रेस्क्यू बोट, सैटेलाइट फोन और राहत सामग्रियों के साथ तैनात की गई हैं।
ओडिशा के मुख्यमंत्री ने कहा है —
“हमने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी परिस्थिति में जनहानि न हो। राहत शिविरों में भोजन, पानी और बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।”
भारी बारिश और बाढ़ की आशंका
चक्रवात के कारण अगले 48 घंटों तक आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के कई हिस्सों में भारी से अति-भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, कुछ क्षेत्रों में 200 मिमी तक बारिश दर्ज की जा सकती है। निचले इलाकों में जलभराव और नदी किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
समुद्री गतिविधियों पर रोक और चेतावनी
IMD ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी है। विशाखापट्टनम और गोपालपुर बंदरगाहों को “हाई अलर्ट” पर रखा गया है। कोस्ट गार्ड और नौसेना के जहाज़ लगातार गश्त कर रहे हैं ताकि आपात स्थिति में तुरंत राहत दी जा सके।
कृषि और बिजली आपूर्ति पर असर
तूफान के कारण कृषि क्षेत्र में नुकसान की संभावना है, खासकर धान और सब्ज़ियों की फसलों को। कई इलाकों में बिजली और संचार सेवाएं बाधित होने की भी खबरें मिल रही हैं। राज्य सरकार ने बिजली कंपनियों को तैनाती बढ़ाने और जनरेटर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।स्वास्थ्य विभाग और राहत व्यवस्था सक्रिय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी जिला अस्पतालों में आपातकालीन वार्ड सक्रिय कर दिए हैं। राहत शिविरों में साफ पानी, दवाएं और प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।इसके अलावा, सरकार ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि लोग तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें।
IMD और NDRF की निगरानी जारी
भारतीय मौसम विभाग लगातार सैटेलाइट से चक्रवात की स्थिति पर नज़र रख रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अगले 36 घंटे इस तूफान के लिए सबसे महत्वपूर्ण होंगे। यदि हवा की रफ्तार और बढ़ती है, तो इसे “गंभीर चक्रवात” (Severe Cyclonic Storm) घोषित किया जा सकता है।








