भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया 2.0 मिशन के तहत देश के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर ज़ोर दिया है। इस योजना का उद्देश्य है — हर गाँव को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्र में नई संभावनाएँ खुलें। सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक देश के 6 लाख से अधिक गाँवों को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्शन से जोड़ा जाए।
क्या है डिजिटल इंडिया 2.0 मिशन?
डिजिटल इंडिया 2.0, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना डिजिटल इंडिया का उन्नत संस्करण है। इस मिशन के अंतर्गत सरकार भारतनेट परियोजना, 5G कनेक्टिविटी विस्तार, और सैटेलाइट इंटरनेट नेटवर्क को तेज़ी से लागू कर रही है। सूत्रों के अनुसार, इस चरण में सरकार ने ₹1.25 लाख करोड़ का बजट निर्धारित किया है, जिसमें प्रमुख फोकस ग्रामीण इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर पर रहेगा।
शिक्षा में डिजिटल बदलाव
ग्रामीण इंटरनेट विस्तार का सबसे बड़ा असर शिक्षा प्रणाली पर देखा जा रहा है। अब दूर-दराज के गाँवों में रहने वाले बच्चे भी ऑनलाइन क्लासेज़, ई-लर्निंग ऐप्स, और डिजिटल लाइब्रेरीज़ का लाभ उठा पा रहे हैं।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार,
“डिजिटल इंडिया 2.0 के तहत 50,000 से अधिक ग्रामीण स्कूलों में हाई-स्पीड इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी।” इससे छात्रों को न केवल शिक्षा सामग्री तक पहुंच आसान होगी, बल्कि स्किल डेवलपमेंट और करियर गाइडेंस जैसी सेवाएँ भी उपलब्ध होंगी।
ई-हेल्थ सेवाओं में नई उम्मीदें
इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ने से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं (E-Health) में भी सुधार की उम्मीद है। अब डॉक्टरों से टेलीमेडिसिन कंसल्टेशन, ऑनलाइन रिपोर्ट एक्सेस, और दवा वितरण प्रणाली डिजिटल माध्यम से संभव होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि AI आधारित हेल्थ पोर्टल और मोबाइल हेल्थ ऐप्स को ग्रामीण स्तर तक पहुँचाया जाएगा, जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दबाव कम होगा।
ग्रामीण रोजगार और डिजिटल अवसर
ग्रामीण युवाओं को अब इंटरनेट के ज़रिए ऑनलाइन जॉब्स, फ्रीलांसिंग, और ई-कॉमर्स बिज़नेस जैसे अवसर मिल रहे हैं।सरकार ने “डिजिटल रोजगार मिशन” भी शुरू किया है, जिसका मकसद ग्रामीण युवाओं को डिजिटल स्किल सिखाना और उन्हें ऑनलाइन आय स्रोत से जोड़ना है।








