भारत की अर्थव्यवस्था से एक सकारात्मक खबर सामने आई है। अक्टूबर 2025 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) संग्रह में 4.6% की वृद्धि दर्ज की गई है। इस महीने का कुल GST कलेक्शन लगभग ₹1.96 लाख करोड़ रहा, जो अब तक के उच्चतम आंकड़ों में से एक है। यह वृद्धि देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी और उपभोग में सुधार का संकेत देती है।
पिछले साल की तुलना में बेहतर प्रदर्शन
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2024 में GST संग्रह ₹1.87 लाख करोड़ था, जबकि इस साल यह बढ़कर ₹1.96 लाख करोड़ हो गया। यानी साल-दर-साल 4.6% की वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि त्योहारों के सीजन में उपभोग बढ़ने और उद्योगों की बेहतर प्रोडक्शन दर ने इस उछाल में अहम भूमिका निभाई है।
राज्यों में भी बढ़ा टैक्स संग्रह
राज्य स्तर पर भी GST कलेक्शन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे औद्योगिक राज्यों में टैक्स राजस्व में 6-8% की बढ़ोतरी देखी गई। वहीं, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में भी ई-कॉमर्स और सर्विस सेक्टर की वजह से टैक्स वसूली में सुधार हुआ है।
आर्थिक विकास के लिए सकारात्मक संकेत
GST संग्रह में लगातार बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि देश की उपभोक्ता मांग और औद्योगिक उत्पादन में सुधार जारी है।वित्त विशेषज्ञों के अनुसार, यह रुझान दर्शाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर गति से आगे बढ़ रही है और राजकोषीय स्थिति भी मजबूत हो रही है।
डिजिटल लेनदेन और कंप्लायंस में सुधार का असर
सरकार की डिजिटल गवर्नेंस पहल, ई-इनवॉइसिंग और GST पोर्टल के ऑटोमैटिक रिकंसीलिएशन जैसे सुधारों ने टैक्स चोरी रोकने में मदद की है। इन कदमों से न केवल पारदर्शिता बढ़ी है बल्कि GST अनुपालन दर (compliance rate) में भी सुधार हुआ है।9








