भारत में डिजिटल भुगतान की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। अक्टूबर 2025 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से लेन-देन का रिकॉर्ड टूटा है। UPI ट्रांजैक्शन का कुल मूल्य 27.28 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले महीनों की तुलना में अब तक का सबसे ऊँचा स्तर है। यह बढ़ोतरी त्योहारों के दौरान हुई खरीदारी और कैशलेस लेन-देन की बढ़ती प्रवृत्ति का परिणाम है।
UPI ट्रांजैक्शन में हुई जबरदस्त बढ़ोतरी
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में UPI ट्रांजैक्शन की संख्या 1,440 करोड़ से अधिक रही, जबकि सितंबर में यह करीब 1,360 करोड़ थी। इससे कुल मूल्य में करीब 4.6% की वृद्धि दर्ज की गई।
मुख्य कारण:
- दिवाली सीजन की खरीदारी और ई-कॉमर्स सेल
- छोटे व्यापारियों और दुकानदारों द्वारा डिजिटल भुगतान अपनाना
- मोबाइल पेमेंट ऐप्स जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm का व्यापक उपयोग
कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम
डिजिटल इंडिया मिशन के तहत भारत सरकार लगातार डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा दे रही है। UPI के माध्यम से आज देश में 80% से अधिक ऑनलाइन लेन-देन किए जा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में भी अब किसान और स्थानीय दुकानदार मोबाइल से भुगतान स्वीकार कर रहे हैं।
NPCI के चेयरमैन के अनुसार:
“UPI ने भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा में अग्रणी बनाया है। आने वाले समय में इंटरनेशनल UPI पेमेंट भी मुख्य भूमिका निभाएंगे।”
वैश्विक स्तर पर भी बढ़ा UPI का प्रभाव
भारत ने हाल ही में सिंगापुर, UAE और नेपाल जैसे देशों के साथ UPI लिंकिंग एग्रीमेंट्स किए हैं। इससे भारतीय यात्रियों और प्रवासियों के लिए विदेशों में भी QR कोड स्कैन कर भुगतान करना आसान हो गया है। यह कदम भारत को डिजिटल पेमेंट्स में ग्लोबल लीडर बनाने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है।
आगे की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में UPI ट्रांजैक्शन का आंकड़ा 30 लाख करोड़ रुपये के पार जा सकता है। फिनटेक कंपनियां अब ग्रामीण भारत और छोटे शहरों में डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने पर काम कर रही हैं।








