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Tuesday, December 9, 2025

Tejasvi Manoj: 17 साल की तेजस्वी मनोज ने बुज़ुर्गों को ऑनलाइन ठगी से बचाने के लिए बनाई ‘शील्ड सीनियर्स’

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Tejasvi Manoj: तेजस्वी मनोज नाम की भारतीय बेटी ने कम उम्र में कुछ ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसने उन्हें सबके लिए प्रेरणास्ज्ञोत बना दिया है। महज 17 साल में तेजस्वी मनोज ने साबित कर दिया कि छोटी उम्र में भी बड़े काम किए जा सकते हैं। डिजिटल दुनिया में बुज़ुर्गों को ऑनलाइन ठगी (scams) से सुरक्षा देने के उद्देश्य से उन्होंने शील्ड सीनियर्स (Shield Seniors) नामक प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया है। यह सिर्फ तकनीकी सफलता नहीं है, यह महिला सशक्तिकरण की कहानी है जो प्रेरित करती है।

कौन हैं Tejasvi Manoj?

भारतीय मूल की तेजस्वी मनोज अमेरिका के कैलोफोर्निया से हैं, हालांकि बाद में वह टेक्सास के फ्रेस्को शिफ्ट हो गईं। तेजस्वी 17 साल की स्कूल स्टूडेंट हैं। उनके माता पिता दोनों आईटी प्रोफेशनल्स हैं। उनसे प्रेरित होकर बचपन से तेजस्वी की तकनीक में रूचि रही। आठवीं क्लास में ही तेजस्वी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जावा, पैंथन और एचटीएमएल में निपुण हो गईं। तस्कूल में “Girls Who Code” जैसे प्रोग्राम से उनका टेक्नॉलजी में इंटरेस्ट बढ़ा और कोडिंग की शिक्षा लेने लगीं।

Shield Seniors की मालकिन हैं तेजस्वी

वर्तमान में तेजस्वी शील्ड सीनियर्स नाम के एक साइबर सिक्योरिटी प्लेटफार्म की फाउंडर हैं। ये प्लेटफार्म बुजुर्गों को ऑनलाइन ठगी से बचाने और इसके प्रति जागरूक करने का काम करता है। यह एक आसान एआई पावर्ड वेबसाइट है जो अभी प्राइवेट प्रिव्यू में है। यह बुज़ुर्गों को ऑनलाइन ठगी के बारे में सिखाती है। “Ask” नाम का चैटबोट देती है, जो दो लाइनों में आसान जवाब देता है। साथ ही ईमेल और संदेशों को 95% सटीकता से विश्लेषण करती है। यूजर्स को विश्वसनीय एजेंसी से जोड़ती है ताकि वे ठगी की रिपोर्ट कर सकें।

एक घटना ने दी प्रेरणा

एक छोटी सी घटना ने 16 साल की तेजस्वी मनोज को बुज़ुर्गों की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। ये घटना उनके परिवार से जुड़ी है। साल 2024 फरवरी में तेजस्वी के 85 साल के दादा जी एक ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गए थे। एक स्कैमर ने रिश्तेदार बनकर दादा जी से 2,000 डाॅलर मांगे थे। इस घटना के बाद तेजस्वी हैरान रह गई कि दादा जी को आनलाइन स्कैम के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। ये केवल उनकी समस्या नहीं है, बल्कि बहुत सारे बुजुर्ग डिजिटल स्कैम के झांसे में आ जाते हैं। यह घटना स्पष्ट करती है कि हमारे बुज़ुर्ग ऑनलाइन कितने असुरक्षित हैं।

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कैसे काम करता है शील्ड सीनियर्स

शील्ड सीनियर्स का उद्देश्य बुज़ुर्गों को साइबर क्राइमों से सुरक्षित रखना, उन्हें डिजिटल दुनिया के खतरों से अवगत कराना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इसकी वेबसाइट में चार सेक्शन हैं,

  • Learn – साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें सरल भाषा में।
  • Ask- वर्चुअल असिस्टेंट से सवाल-जवाब।
  • Analyse- संदिग्ध ईमेल या मेसेज की जांच।
  • Report- ठगी की रिपोर्ट करने के संसाधनों तक पहुंच।
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