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Saturday, November 22, 2025

Maithili Thakur Earnings: मैथिली ठाकुर का ‘मेगा-शिफ्ट’…गायकी से कमाई या विधायक का वेतन? जानें क्‍या ज्यादा फायदेमंद

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लोकप्रिय लोकगायिका मैथिली ठाकुर का बिहार की सबसे युवा विधायक बनने का रास्‍ता साफ हो गया है। उन्होंने अलीनगर (दरभंगा) सीट से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की है। गायकी से करोड़ों कमाने वाली मैथिली की विधायक के तौर पर आय कम होगी, लेकिन उनका प्रभाव और जनसेवा का अवसर बढ़ेगा।

मैथ‍िली ठाकुर के करियर में मेगा-शिफ्ट आ गया है। देश की मशहूर लोकगायिका अब बिहार की राजनीति में सबसे युवा विधायक बनने के लिए तैयार हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अलीनगर (दरभंगा) सीट से बीजेपी की उम्मीदवार के तौर पर उन्‍होंने जीत दर्ज की है। इस जीत ने राजनीतिक विश्लेषकों को चौंका दिया है। यह उनका पहला चुनाव था। लोकगायन और अपनी सांस्कृतिक पहचान के कारण पहले से ही लोकप्रिय मैथिली ठाकुर ने चुनाव अभियान के दौरान युवाओं, महिलाओं और ग्रामीण मतदाताओं के बीच गहरा प्रभाव छोड़ा। सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता और जमीन से जुड़ी शैली ने उन्हें शुरुआत से ही लोगों के बीच एक पसंदीदा उम्मीदवार बना दिया था। ऐसे में एक सवाल सबके मन में है। क्या गाने से मैथिली ठाकुर जितना कमाती हैं, उससे ज्यादा कमाई उन्हें विधानसभा पहुंचकर होगी? आइए, यहां इसी सवाल का जवाब जानते हैं।

मैथिली ठाकुर ने दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। बीजेपी ने इस बार उन पर बड़ा दांव लगाया था। वहीं, उनके सामने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेता विनोद मिश्रा थे। स्टार उम्मीदवार होने और उनकी लोकप्रियता के चलते इस सीट पर राष्ट्रीय स्तर पर भी खूब नजरें टिकी हुई थीं। मैथिली ठाकुर ने कुल 11,730 वोटों के अंतर से यह जीत अपने नाम की।

कमाई का सवाल

मैथिली ठाकुर आज भारत की सबसे लोकप्रिय लोक गायिकाओं में से एक हैं। देश-विदेश में सैकड़ों शो, यूट्यूब पर लाखों फॉलोअर्स और सोशल मीडिया पर उनकी विशाल पहुंच, यही उनकी कमाई का मुख्य स्रोत है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह महीने में 12 से 15 लाइव शो करती हैं। एक शो की फीस 5 से 7 लाख रुपये बताई जाती है। इस हिसाब से उनकी महीने की कमाई 60 से 80 लाख रुपये तक हो सकती है। सालाना कमाई 7 से 9 करोड़ रुपये तक बैठती है। यानी गायकी ने न सिर्फ उन्हें लोकप्रियता दी है, बल्कि करोड़ों की कमाई भी कराई है।

हालांकि, चुनाव आयोग को दिए एफिडेविट के मुताबिक, मैथिली ठाकुर की घोषित संपत्ति और आय कुछ इस प्रकार है:

  • कुल संपत्ति: 3.82 करोड़ रुपये
  • चल संपत्ति: 3.04 करोड़ रुपये
  • अचल संपत्ति: 1.50 करोड़ रुपये (द्वारका, दिल्ली में फ्लैट)
  • आईटीआर में दिखाई गई वार्षिक आय (2023-24): 28,67,350 रुपये

यह एफिडेविट में बताई गई आय है, जो उनके लाइव शो से होने वाली अनुमानित कमाई से काफी कम है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी वास्तविक कमाई इससे कहीं ज्यादा हो सकती है।

विधायक बनने पर कितनी कमाई?

बिहार में एक विधायक की बेसिक सैलरी और भत्ते इस प्रकार हैं:

  • बेसिक सैलरी: 50,000 रुपये
  • क्षेत्रीय भत्ता: 55,000 रुपये
  • बैठक भत्ता: 3,000 रुपये प्रतिदिन
  • PA भत्ता: 40,000 रुपये
  • स्टेशनरी भत्ता: 15,000 रुपये

कुल मिलाकर, एक विधायक की मासिक औसत कमाई 1.40 लाख रुपये से अधिक होती है। यह राशि मैथिली ठाकुर की गायकी से होने वाली मासिक कमाई (60-80 लाख रुपये) की तुलना में बहुत कम है।

हालांकि, एमएलए की असली ताकत सिर्फ पैसे में नहीं होती, बल्कि मिलने वाली सुविधाओं और प्रभाव में होती है। जैसे:

  • सालाना 4 लाख रुपये तक मुफ्त यात्रा कूपन।
  • सरकारी आवास।
  • सुरक्षा।
  • विशेष मेडिकल सुविधाएं।
  • 25 लाख रुपये तक वाहन लोन।
  • पूर्व विधायक होने पर 45,000 रुपये मासिक पेंशन।
  • बिजली-पानी-फोन बिल में रियायत।

मैथिली ठाकुर के लिए विधायक बनना एक नई दुनिया का रास्ता खोलता है – सत्ता, प्रभाव और पब्लिक सर्विस (जनसेवा) का।

तो कौन ज्यादा मुनाफे का सौदा?

अगर सीधे पैसों की बात करें तो गायकी की कमाई विधायक की सैलरी से कई गुना ज्यादा है। एक शो की फीस ही एमएलए की पूरी सैलरी से ज्यादा है। लेकिन, विधानसभा पहुंचने के फायदे सिर्फ आर्थिक नहीं हैं, बल्कि इससे कहीं ज्‍यादा हैं। इनमें सामाजिक प्रतिष्ठा, राजनीतिक प्रभाव, बड़े मंच पर लोगों की सेवा का मौका और भविष्य में बड़े राजनीतिक पदों की संभावना शामिल है।

यानी एमएलए बनकर कमाई कम हो सकती है, पर पहुंच और प्रभाव अनंत रूप से बढ़ जाते हैं। यह एक ऐसा अवसर है जो उन्हें बड़े पैमाने पर लोगों से जुड़ने और उनकी समस्याओं को हल करने का मौका देता है। गायकी से वह व्यक्तिगत रूप से कमाती हैं। लेकिन, विधायकी से वह एक बड़े समुदाय के लिए काम कर सकती हैं और उनका जीवन बेहतर बना सकती हैं। यह एक अलग तरह का ‘मुनाफा’ है, जो पैसों से कहीं बढ़कर है।

मैथ‍िली ठाकुर की कैसे बनी पहचान?

मैथिली ठाकुर बिहार की लोकप्रिय युवा लोक गायिका हैं। उनका जन्म जुलाई 2000 में हुआ था। उन्हें मुख्य रूप से मैथिली, भोजपुरी और हिंदी भाषा में गाए गए उनके पारंपरिक लोक गीतों, छठ गीतों और बॉलीवुड गानों के कवर के लिए जाना जाता है। उन्होंने 2017 में सिंगिंग रियलिटी शो ‘राइजिंग स्टार’ के पहले सीजन में भाग लेकर व्यापक पहचान हासिल की। वह अपने भाई ऋषभ (तबला वादक) और आयाची (गायक) के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रूप से संगीत शेयर करती हैं, जहां उनके वीडियो को करोड़ों बार देखा जाता है। इससे वह इंटरनेट पर एक बड़ी सनसनी बन गईं। उन्हें उनके संगीत योगदान के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार और 2024 में नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है।

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