World’s Richest Countries List: दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां की सुंदरता, लाइफस्टाइल और हाई-स्टैंडर्ड लिविंग लोगों को आकर्षित करती है, लेकिन वहां कदम रखते ही आपकी जेब पर इतना भार पड़ सकता है कि पूरी जिंदगी की जमापूंजी भी कम पड़ जाए। ताज़ा वैश्विक रिपोर्टों के अनुसार, दुनिया के सबसे अमीर देशों की लिस्ट में शामिल देशों में रहना, घूमना और दैनिक खर्च उठाना आम लोगों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
इन देशों में न सिर्फ प्रति व्यक्ति आय बेहद अधिक है, बल्कि यहां की करेंसी, महंगाई, रेंट, फूड और ट्रांसपोर्ट के खर्च भी दूसरे देशों की तुलना में कई गुना ज्यादा हैं। शीर्ष स्थानों पर क़तर, लक्ज़मबर्ग, सिंगापुर, UAE, आयरलैंड और स्विट्जरलैंड जैसे देश शामिल हैं। इन देशों में एक महीने का औसत खर्च कई बार भारत की वार्षिक इनकम के बराबर बैठ जाता है।
स्विट्जरलैंड में एक कप कॉफी का दाम भारत में किसी अच्छे रेस्टोरेंट के भोजन जितना हो सकता है, वहीं सिंगापुर और लक्ज़मबर्ग में रेंट इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि आम नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए वहां टिक पाना मुश्किल होता जा रहा है। क़तर और UAE जैसे देश अपनी तेल संपदा और हाई-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से दुनिया में सबसे आगे हैं, जहां जीवन स्तर भले ही शानदार हो, लेकिन खर्च उतना ही भारी।
भारत इस ग्लोबल रैंकिंग में मध्य पायदान पर आता है। यहां की लागत—दुनिया के धनी देशों की तुलना में—काफी कम है, जिससे जीवनयापन और घूमने-फिरने में बड़ा खर्च नहीं होता। यही वजह है कि भारत रहने और यात्रा दोनों के लिहाज से दुनिया के सबसे किफायती और संतुलित देशों में माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप दुनिया के टॉप रिच देशों में घूमने या बसने का प्लान बना रहे हैं, तो पहले वहां के जीवन-यापन के खर्च, टैक्स सिस्टम और करेंसी के अंतर को समझना बेहद जरूरी है, नहीं तो सफर का मज़ा आपकी बैंक बैलेंस ही चट कर सकता है।








