भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। रूस और अमेरिका दोनों से मिल रहे हाई-एंड डिफेंस प्लेटफ़ॉर्म्स के बाद भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की शक्ति में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होने जा रही है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, रूस भारत को पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने पर सहमत हो गया है, जबकि अमेरिका उन्नत हथियार प्रणालियों के एक महत्वपूर्ण पैकेज की पेशकश कर रहा है।
रूसी लड़ाकू विमान अत्याधुनिक स्टील्थ तकनीक से लैस होगा, जो रडार से बचते हुए लंबी दूरी तक मिशन संचालित करने में सक्षम होगा। यह विमानों की वह श्रेणी है जिसे किसी भी वायुसेना में सबसे शक्तिशाली माना जाता है। इसके शामिल होने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता और आक्रामक ऑपरेशन्स की क्षमता में उल्लेखनीय बढ़त होगी।
दूसरी ओर, अमेरिका द्वारा भारत को अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों और हाई-टेक हथियारों का पैकेज देने की तैयारी है। इसमें एयर डिफेंस सिस्टम, प्रिसिजन-गाइडेड वेपन्स, उन्नत ड्रोन तकनीक और नेवल सिस्टम्स शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। ये हथियार भारतीय सेना के आधुनिकीकरण अभियान को तेज गति देंगे और समुद्री एवं स्थलीय सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करेंगे।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि रूस और अमेरिका दोनों से एक साथ अत्याधुनिक तकनीक का मिलना भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। इससे न केवल देश की सैन्य शक्ति में बढ़ोतरी होगी, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की रक्षा स्थिति और प्रभाव भी मजबूत होगा।
सरकारी स्तर पर यह माना जा रहा है कि आधुनिक हथियारों और प्लेटफ़ॉर्म्स से लैस होकर भारत भविष्य की किसी भी चुनौती का अधिक प्रभावी ढंग से सामना कर सकेगा। रक्षा मंत्रालय अगले महीनों में इन सौदों को औपचारिक रूप देने की प्रक्रिया को तेज करने पर काम कर रहा है।








