छत्तीसगढ़ के IIM रायपुर परिसर में आयोजित DGP–IG सम्मेलन आज अपने अंतिम दिन में प्रवेश कर गया है। इस सम्मेलन में देश के उच्चतम पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद हैं। बैठक का मुख्य फोकस राष्ट्रीय सुरक्षा, नक्सलवाद, उग्रवाद और सामूहिक अपराधों पर गहन मंथन करना है।
राज्यों के डीजीपी और आईजी के साथ समन्वय बढ़ाना।नक्सल प्रभावित और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा रणनीतियों का विश्लेषण।उग्रवाद, माओवादी गतिविधियों और अन्य अपराधों से निपटने के लिए नई नीतियों और तकनीकों पर चर्चा।नागरिक सुरक्षा और पुलिस‑जनता के बीच विश्वास बढ़ाने के उपाय। प्रधानमंत्री ने सभी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे सुरक्षा को केवल पुलिस या सेना की जिम्मेदारी न समझें, बल्कि हर नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित करें।उन्होंने कहा कि सुरक्षा और जागरूकता में समाज का सहयोग आवश्यक है, ताकि अपराध और हिंसा को कम किया जा सके।
सम्मेलन के बाद राज्यों और केंद्र सरकार के बीच सुरक्षा के नए प्रोटोकॉल और रणनीतियाँ लागू की जाएँगी।नक्सल प्रभावित जिलों में NDRF और अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।नागरिक जागरूकता अभियानों और पुलिस-जनता संवाद को बढ़ावा मिलेगा।








