Cyclone Ditwah के कारण श्रीलंका में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने जोरदार तबाही मचाई है। देश के आपदा प्रबंधन केंद्र (Disaster Management Centre — DMC) की ताज़ा जानकारी के अनुसार, अब तक कम-से-कम 334 लोग मारे गए हैं और 370 लोग लापता बताए जा रहे हैं। अनुमानित रूप से लगभग 11,18,929 लोग (तीन लाख से ज्यादा परिवारों) इस आपदा से प्रभावित हुए हैं।
भारत ने तुरंत राहत-कार्य में हाथ बढ़ाया है — राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (National Disaster Response Force — NDRF) के साथ-साथ Indian Air Force (IAF) को सक्रिय किया गया है। IAF के हेलिकॉप्टर और वायुयानों से राहत सामग्री, भोजन, तात्कालिक दवाइयाँ और आपातकालीन सहायता भेजी जा रही है। साथ ही, प्रभावित लोगों की सुरक्षित निकासी व एयरलिफ्ट भी की जा रही है।नौसेना और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर खोज एवं बचाव अभियान जोर शोर से जारी है।
दित्वा चक्रवात की वजह से देश के कई हिस्सों में बाढ़ आई है, नदियाँ उफान पर हैं, और भूस्खलन की घटनाओं ने कई इलाकों को तबाह कर दिया। हजारों घरों को नुकसान हुआ है, कई इलाकों के लोग बेघर हो गए हैं, और बड़ी संख्या में लोग अस्थाई राहत शिविरों में रहने को मजबूर हुए हैं। भारत द्वारा भेजी गई राहत और बचाव सहायता ने इस आपदा-प्रभावित देश के लोगों के लिए राहत की एक किरण दी है — सैनिक, विमान, राहत सामग्री और विशेषज्ञ टीमें मदद में जुटी हुई हैं। यह कदम न केवल द्विपक्षीय सहयोग का प्रतीक है, बल्कि क्षेत्रीय मानवीय संवेदनशीलता और आपदा प्रबंधन में सामंजस्य की मजबूती को दर्शाता है।
हालाँकि राहत-कार्य जारी है, पर नुकसान बहुत गहरा है — लोग विस्थापित हैं, मकान तबाह हुए हैं, और कई क्षेत्रों में सड़क-पथ, संचार, बिजली व पानी की सुविधाएँ बाधित हैं। आने वाले दिनों में पुनर्वास, राहत सामग्री वितरण, चिकित्सा सुविधा और सुरक्षित आवास की व्यवस्था प्राथमिक चुनौतियाँ होंगी।








