माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने बोर्ड परीक्षाओं के पैटर्न में बड़ा बदलाव किया है। नए शैक्षणिक सत्र से अब छात्रों को प्रश्नपत्र में ऑब्जेक्टिव प्रश्नों की संख्या पहले से ज्यादा मिलेगी। बोर्ड ने यह फैसला छात्र-हित और परीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी व परिणाम आधारित बनाने के उद्देश्य से लिया है।
नए मूल्यांकन ढांचे के अनुसार, प्रश्नपत्र में ऑब्जेक्टिव प्रश्नों का प्रतिशत बढ़ाया गया है, जबकि सब्जेक्टिव भाग को थोड़ा कम किया गया है। इससे छात्रों पर लिखने का दबाव कम होगा और वे अवधारणाओं की समझ के आधार पर अंक अर्जित कर सकेंगे। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि अब आंतरिक मूल्यांकन और प्रैक्टिकल एसेसमेंट की भूमिका भी पहले से अधिक महत्वपूर्ण होगी।
नई प्रणाली में स्कूलों को नियमित रूप से निरंतर मूल्यांकन (CCE) लागू करना होगा। इसमें प्रोजेक्ट वर्क, असाइनमेंट, कक्षा प्रदर्शन और क्विज़ जैसी गतिविधियों को भी अंकन में शामिल किया जाएगा। बोर्ड का मानना है कि यह ढांचा छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुरूप तैयार करने में मददगार होगा। बदलावों की आधिकारिक गाइडलाइन जल्द ही स्कूलों और छात्रों को उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे नए पैटर्न के अनुसार अपनी तैयारी कर सकें।








