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Sunday, December 21, 2025

सावधान! छत्तीसगढ़ में प्रदूषण का खतरनाक प्रभाव… रायपुर की हवा सबसे प्रदूषित, जगदलपुर तक पहुंचा संकट

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रायपुर : उत्तर दिशा से बह रही ठंडी हवा ने पूरे मध्य छत्तीसगढ़ को प्रदूषण के शिकंजे में जकड़ दिया है। राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 228 दर्ज किया गया, जो सेहत के लिए खतरनाक माना जाता है। रायपुर के साथ दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद और कांकेर तक पीएम 2.5 व पीएम 10 के महीन कण हवा में घुलकर सांस लेना मुश्किल बना रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ठंड में हवा की गति कम होने से प्रदूषण फैलने के बजाय एक ही क्षेत्र में लंबे समय तक ठहर जाता है, जिससे हालात और बिगड़ जाते हैं। बता दें कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) जितना कम हो उतना बेहतर माना जाता है। 0 से 50 तक एक्यूआई होने पर हवा अच्छी और सुरक्षित रहती है। 51 से 100 संतोषजनक है। 100 से ऊपर पहुंचते ही प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने लगता है।

इस वजह से बढ़ रहा प्रदूषण

औद्योगिक गतिविधियां, डीजल वाहनों की भारी आवाजाही, खराब सड़कों से उड़ती धूल और खेतों में जलाई जा रही पराली इस संकट को और गहरा रही है। पेड़ों की कमी के कारण प्रदूषक कण वातावरण में ही टिके रहते हैं। यही वजह है कि रायपुर से लेकर आसपास के जिलों तक हवा जहरीली होती जा रही है।

आगे कम होगा प्रदूषण

बसंत ऋतु में हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण कुछ हद तक कम हो सकता है, जबकि बारिश के मौसम में हालात काफी सुधरते हैं। फिलहाल डाक्टरों और विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को खास सतर्कता बरतने, मास्क पहनने और अनावश्यक बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है।

प्रदेश के प्रमुख जिलों की वायु गुणवत्ता स्थिति (एक्यूआई)

  • रायपुर – 228 (अत्यंत चिंताजनक)
  • दुर्ग – 192 (स्वास्थ्य पर असर)
  • बिलासपुर – 190 (गंभीर)
  • जगदलपुर – 107 (सतर्कता जरूरी)
  • रायगढ़ – 100 (फिलहाल राहत)
  • कोरबा – 98 (संतोषजनक)
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