Adani Group Deal : अडानी समूह ने अपनी एक सहयोगी कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी बेचकर बाजार को चौंका दिया है। समूह ने संबंधित परियोजना को लेकर टर्मिनेशन एग्रीमेंट पर भी हस्ताक्षर कर दिए, जिसके बाद निवेशकों में चिंता बढ़ गई है। सौदे की जानकारी सामने आते ही कंपनी के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई और ट्रेडिंग के शुरुआती घंटों में स्टॉक दबाव में आ गया।सूत्रों के अनुसार, अडानी समूह ने रणनीतिक पुनर्गठन के तहत अपनी हिस्सेदारी ऐसे समय बेची है जब कंपनी कई प्रोजेक्ट्स पर फोकस बदल रही है। यह कदम लागत अनुकूलन, कर्ज कम करने और मुख्य व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करने की दिशा में उठाया गया बताया जा रहा है।
टर्मिनेशन एग्रीमेंट के साइन होने का मतलब है कि संबंधित प्रोजेक्ट या पार्टनरशिप अब आगे नहीं बढ़ेगी। इससे कंपनी की विस्तार योजनाओं पर अस्थायी असर पड़ सकता है।सौदे की घोषणा के तुरंत बाद बाजार में नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। निवेशकों को प्रोजेक्ट के खत्म होने से भविष्य की कमाई पर असर का डर हिस्सेदारी बेचने को कुछ निवेशकों ने फंडिंग दबाव का संकेत मानाअनिश्चितता बढ़ने से शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स ने बिकवाली बढ़ाईइसी वजह से कंपनी के शेयर इंट्रा-डे में कमजोर नजर आए।
विशेषज्ञों का मानना है कि समूह अपने पोर्टफोलियो को फेरबदल कर रहा है और दीर्घकालिक लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए गैर-ज़रूरी प्रोजेक्ट्स से बाहर निकल रहा है। अडानी समूह पिछले कुछ वर्षों में तेजी से विस्तार करने के बाद अब मजबूत नकदी प्रबंधन और जोखिम नियंत्रण पर फोकस कर रहा है।बाजार विश्लेषकों का कहना है कि यह गिरावट शॉर्ट-टर्म हो सकती है, लेकिन निवेशकों को कंपनी की नई रणनीति, कर्ज स्थिति और आगामी तिमाही परिणामों पर नजर बनाए रखनी चाहिए।








