हिमाचल प्रदेश के बाद कांग्रेस शासित एक और राज्य हुआ कंगाल, कर्ज का बोझ 5.97 लाख करोड़ के पार, ठेकेदारों का बकाया ही 25,000 करोड़ पहुंचा, विकास कार्य ठप- Economic Crisis
सत्ता में आने के लिए मुफ्त की रेवड़ी बांटने का कल्चर देश के कई राज्यों पर भारी पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश के बाद कांग्रेस शासित कर्नाटक राज्य भी कंगाल होने की कगार पर पहुंच गया है। कर्नाटक कर्ज के दलदल में डूबता जा रहा है। राज्य पर कर्ज का बोझ 5.97 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है। भारीभरकम कर्ज के कारण कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ठेकेदारों का 25,000 करोड़ बकाया भी नहीं चुका पा रही है। इसके कारण आने वाले दिनों में विकास कार्य ठप हो गया है। सरकार ने कई परियोजनाओं को रोकने का फैसला किया है।
हालांकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसके लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को दोषी ठहराया है। सरकार का कहना है कि मई, 2023 में सत्ता में आने वाली कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को राज्य की पिछली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार से विरासत में ठेकेदारों का 20,000 करोड़ रुपये का बिल मिला था। इस संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आर्थिक सलाहकार बसवराज रायरेड्डी ने कहा कि कर्नाटक सरकार का राजस्व बढ़ा है और जल्द ही स्थिति को काबू में कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आर्थिक सलाहकार बसवराज रायरेड्डी ने कहा, ‘पिछली बीजेपी सरकार ने अंधाधुंध 2,45 लाख करोड़ रुपये के कार्यों को मंजूरी दी और इसके लिए सिर्फ 45,000 करोड़ रुपये ही आवंटित किए। हमारी सरकार के पास उन कार्यों के भुगतान के पर्याप्त पैसा उपलब्ध नहीं हैं। सरकार ने मुख्यमंत्री की अहम परियोजनाओं के लिए धन आवंटित किया है जबकि कम महत्वपूर्ण कार्यों को रोक दिया गया है। कर्नाटक सरकार ने इस साल राज्य की लंबित परियोजनाओं के लिए पहली किस्त के रूप में 800 करोड़ रुपये जारी किए।