तुर्की ने भारत को भेजे जा रहे AH-64E अपाचे अटैक हेलिकॉप्टरों की डिलीवरी में बड़ा अड़ंगा लगा दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (AN-124) को तुर्की ने अपने हवाई क्षेत्र से गुज़रने की अनुमति नहीं दी, जिससे वह 8 दिन तक ब्रिटेन में रुका रहा और आखिरकार उसे वापस अमेरिका लौटना पड़ा। यह कार्रवाई तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और पाकिस्तान के बढ़ते घनिष्ठ रिश्तों को लेकर तनाव की ओर इशारा करती है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि तुर्की ने भारत-तुर्की के “वर्तमान संबंधों की स्थिति” का हवाला देते हुए डिलीवरी को अस्वीकार किया है।इस कदम से भारत की सेना की आधुनिकरण योजना पर असर पड़ा है, क्योंकि अपाचे हेलिकॉप्टर उसकी स्ट्राइक और सीमा-सेफ्टी क्षमताओं के लिए अहम हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि यह सिर्फ एक पारंपरिक लॉजिस्टिक इशू नहीं है, बल्कि एक स्पष्ट राजनीतिक संकेत है — तुर्की अपनी भौगोलिक स्थिति का उपयोग रणनीतिक रूप से कर रहा है।
भारत और बोइंग अब इस समस्या के समाधान के लिए वैकल्पिक मार्गों की तलाश कर रहे हैं; इसमें समुद्री मार्ग से डिलीवरी की संभावना भी शामिल की जा रही है, लेकिन इससे समय और लागत दोनों में इजाफा हो सकता है।
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