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Monday, November 17, 2025

Ahmedabad Plane Crash 2025: Boeing और Honeywell पर कानूनी शिकंजा, पीड़ित परिवारों ने अमेरिका में ठोका केस

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अहमदाबाद, 18 सितंबर 2025।
12 जून को हुए Ahmedabad Plane Crash में अब अमेरिकी कंपनियों Boeing और Honeywell घिर गई हैं। हादसे में मारे गए यात्रियों के परिवारों ने अमेरिका की अदालत में इन कंपनियों पर नेग्लिजेंस (लापरवाही) और डिज़ाइन दोष का गंभीर आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है। पीड़ितों का कहना है कि कंपनियों ने पहले से मौजूद खतरों की अनदेखी की, जिसकी वजह से 260 लोगों की जान गई।
Ahmedabad Plane Crash

हादसा कैसे हुआ?

यह हादसा तब हुआ जब Air India की फ्लाइट AI171 अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ी थी। उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दोनों इंजन अचानक बंद हो गए। जांच में सामने आया कि फ्यूल कंट्रोल स्विच टेकऑफ के दौरान “RUN” से “CUTOFF” मोड में चले गए, जिसकी वजह से इंजन को पावर मिलना बंद हो गया। विमान तेज़ी से नीचे गिरा और आग की लपटों में समा गया। इस हादसे में विमान में सवार 230 यात्री और 30 क्रू मेंबर, साथ ही ज़मीन पर मौजूद कई लोग भी मारे गए।

Boeing और Honeywell पर क्या आरोप?

पीड़ितों के परिवारों ने अमेरिका के Delaware Superior Court में Boeing और Honeywell पर केस किया है। उनका आरोप है कि—

  • 2018 में FAA (अमेरिकी एविएशन अथॉरिटी) ने फ्यूल कंट्रोल स्विच की खामियों को लेकर चेतावनी जारी की थी। इसके बावजूद कंपनियों ने इसे अनिवार्य सुरक्षा जांच में शामिल नहीं किया।
  • Boeing और Honeywell ने डिज़ाइन सुधार करने के बजाय केवल एक Service Bulletin जारी किया, जो एयरलाइंस के लिए वैकल्पिक था, अनिवार्य नहीं।
  • यह स्विच कॉकपिट थ्रस्ट लीवर के बेहद नज़दीक था। इस वजह से सामान्य उड़ान गतिविधियों के दौरान इसके गलती से सक्रिय हो जाने का खतरा हमेशा बना रहता था।
  • कंपनियों ने डिज़ाइन रिस्क और खतरों को जानते हुए भी इसे समय पर ठीक नहीं किया।

अमेरिका की भूमिका और विफल कोशिशें

FAA ने हादसे की जांच में कहा कि शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर यह साफ नहीं कहा जा सकता कि स्विच ही एकमात्र वजह था। लेकिन सवाल उठ रहा है कि अगर 2018 की चेतावनी को गंभीरता से लिया जाता, तो यह हादसा शायद टल सकता था।

अमेरिकी रेग्युलेटरी सिस्टम पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्यों उसने संभावित खतरे को देखते हुए Airworthiness Directive जारी नहीं किया, जिससे निरीक्षण और मरम्मत अनिवार्य हो जाते। आलोचकों का कहना है कि Boeing और Honeywell जैसी बड़ी कंपनियों के दबाव की वजह से FAA ने सख्त कदम उठाने से परहेज किया।

परिवारों का दर्द और कानूनी लड़ाई

मुकदमा दायर करने वाले परिवारों में ब्रिटेन और भारत के नागरिक शामिल हैं। वकीलों का कहना है कि यह सिर्फ एक कंपनी की लापरवाही नहीं, बल्कि कॉर्पोरेट लालच और नियामकीय ढिलाई का नतीजा है। परिवारों का आरोप है कि Boeing और Honeywell ने मुनाफे को प्राथमिकता दी और सुरक्षा से समझौता किया।

यह मुकदमा अमेरिका में दायर किया गया है क्योंकि यहां उत्पाद उत्तरदायित्व कानून (Product Liability Law) सख्त है। अमेरिकी अदालतें अक्सर पीड़ित परिवारों को भारी मुआवज़ा दिलाती हैं, जिससे Boeing और Honeywell को अरबों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

कंपनियों का बचाव

  • Boeing ने बयान जारी करते हुए कहा है कि कंपनी जांच में पूरी तरह सहयोग कर रही है और पीड़ित परिवारों के दुख में शामिल है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हादसे की पूरी वजह जानने के लिए अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।
  • Honeywell का कहना है कि उनके द्वारा डिज़ाइन किए गए सिस्टम में सुरक्षा फीचर्स मौजूद हैं और इसे बिना जांच पूरी हुए दोषी ठहराना जल्दबाज़ी होगी।

आगे क्या?

यह मुकदमा आने वाले महीनों में अमेरिकी अदालत में सुना जाएगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर Boeing और Honeywell दोषी पाए जाते हैं, तो एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री में सुरक्षा नियम और भी सख्त हो जाएंगे। साथ ही, एयरलाइंस पर यह दबाव बढ़ेगा कि वे FAA की हर एडवाइजरी को अनिवार्य रूप से लागू करें।

निष्कर्ष

अहमदाबाद विमान हादसा सिर्फ एक त्रासदी नहीं, बल्कि पूरी एविएशन इंडस्ट्री के लिए चेतावनी है। यह सवाल खड़ा करता है कि जब कंपनियों को संभावित खतरे की जानकारी थी, तो समय रहते इसे सुधारा क्यों नहीं गया? पीड़ित परिवार अब न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं, और यह मुकदमा तय करेगा कि कॉर्पोरेट लापरवाही की कीमत कौन चुकाएगा—कंपनियां या आम लोग।

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