Delhi-NCR में एक बार फिर वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। हवा की लगातार खराब होती गुणवत्ता का असर सेहत पर भी दिखने लगा है। इसका असर सबसे ज्यादा फेफड़ों पर पड़ता है। Air Pollution की वजह से फेफड़ों से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं जिसमें लंग कैंसर प्रमुख है। ऐसे में निम्न तरीकों से आप अपना ख्याल रख सकते हैं।
ठंड की आहट के साथ ही दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में प्रदूषण बढ़ना शुरू हो गया है। राजधानी के आसपास पराली जलाने की वजह से लगातार हवा का स्तर खराब होता जा रहा है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के बढ़ने के कारण राजधानी में प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है। इसकी वजह से पूरा शहर धुंध की चादर से ढकने लगा है। ऐसे में हवा के खराब स्तर का बुरा प्रभाव सेहत पर भी देखने को मिलता है। खासकर वायु प्रदूषण की वजह से लंग्स का बुरा हाल हो रहा है।
ऐसे में अपने लंग्स का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है, वरना फेफड़ों से जुड़ी कई समस्याएं लोगों को अपना शिकार बना सकती हैं। इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे लाइफस्टाइल में किए जाने वाले कुछ ऐसे बदलावों के बारे में, जिन्हें फॉलो कर आप अपने फेफड़ों की सेहत का ख्याल रख सकते हैं।
हवा की बिगड़ती गुणवत्ता और लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने की वजह से फेफड़ों को कई तरह से नुकसान हो सकता है। इसकी वजह से अस्थमा और अपर हो सकती है। इसके अलावा फेफड़ों के कैंसर, हार्ट डिजीज और नर्व संबंधी डिसऑर्डर का खतरा भी बढ़ सकता है। ऐसे में कुछ अच्छी आदतें और लाइफस्टाइल में कुछ हेल्दी बदलाव कर आप अपने फेफड़ों के स्वास्थ्य का ख्याल रख सकते हैं।
- फेफड़ों के कैंसर के खतरे को कम करने के लिए सबसे प्रभावी तरीका है, और अगर करते हैं, तो इसे छोड़ देना।
- इसके अलावा सेकंडहैंड या पैसिव स्मोकिंग भी हानिकारक है। इसलिए जितना संभव हो खुद को इससे बचाकर रखें।
- घर के अंदर की हवा को साफ और हेल्दी बनाने के लिए पर्याप्त वेंटिलेशन बेहद जरूरी है। इसलिए इस पर खास ध्यान दें।
- फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर डाइट आपके सेल्स को कैंसर का कारण बनने वाले डैमेज से बचाने में मदद कर सकती है।
- व्यायाम आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है और फेफड़ों के कैंसर के खतरे को कम करने में भी मदद कर सकता है।
- अगर आप किसी केमिकल या अन्य ऐसे ही किसी टॉक्सिक जगह पर काम करते हैं, जो कैंसर का कारण बनते हैं, तो खुद को इसके खतरे से बचाने के लिए सही कदम उठाएं।