इंग्लैंड के खिलाफ 2016 में चेन्नई में तिहरा शतक जमाने वाले करुण नायर आठ साल से टीम से बाहर हैं। इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई उनकी ये पारी ऐतिहासिक पारी है क्योंकि नायर ने अपने पहले ही टेस्ट शतक को तिहरे में बदला था, लेकिन इसके बाद नायर को ज्यादा मौके नहीं मिले और वह टीम से बाहर कर दिए गए। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने हार नहीं मानी और अब एक बार फिर वह सेलेक्टर्स की रडार पर हैं।
विराट कोहली की कप्तानी में करुण नायर साल 2018 में इंग्लैंड दौरे पर गए थे। इसके बाद वह टीम से बाहर कर दिए गए। तब से नायर टीम में वापसी की कोशिश में हैं। हाल ही में विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने शतक पर शतक जमा सेलेक्टर्स का ध्यान खींचा। नायर ने भारत के लिए छह टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 374 रन बनाए हैं। इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने नाबाद 303 रन बनाए थे।
नायर ने विजय हजारे ट्रॉफी में विदर्भ की तरफ से खेलते हुए जो प्रदर्शन किया है उसने अजीत अगरकर की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति को ध्यान देने पर मजबूर किया है और कमेटी उन पर ध्यान भी दे रही है। अगर उनकी टेस्ट टीम में वापसी हो जाए तो इसमें हैरानी नहीं होगी। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली की टेस्ट टीम में जगह पर संकट है। ऐसे में नायर टीम के लिए अच्छे विकल्प हो सकते हैं जो टीम में इनका स्थान ले सकते हैं। नायर के पास घरेलू क्रिकेट का अनुभव है और वह अपने अनुभव से सीनियर खिलाड़ी का किरदार निभा सकते हैं।
नायर यूं तो कर्नाटक की टीम से खेलते थे, लेकिन एक समय ऐसा आ गया था जब घरेलू क्रिकेट में उनके पास खेलने को टीम नहीं थी। फिर उन्होंने भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अभय कुलकर्णी की मदद मांगी और फिर उन्होंने नायर को विदर्भ की टीम में जगह दिलाई। नायर ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “वह अंडर-19 टीम के समय में मेरे सेलेक्टर थे। मेरे पास ये आजादी थी कि मैं उनके पास जा सकूं। मैंने उनसे बात की और बताया कि सर मैं एक नई टीम देख रहा हूं तो क्या आप मेरी मदद कर सकते हैं। इस तरह मैं विदर्भ आया।”