इंटरनेट एक पावरफुल टूल है, लेकिन इसके साथ साइबर थ्रेट्स, स्कैम्स, और प्राइवेसी ब्रेक्स जैसे रिस्क भी आते हैं। इन रिस्क के चलते काफी बार लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ता है। काफी बार फाइनेंशियल लॉस भी सहना पड़ता है। ऐसे में ये काफी जरूरी होता है कि इंटरनेट का इस्तेमाल सेफ तरीका से किया जाए। इसलिए हम यहां आपको सुरक्षित ब्राउजिंग के लिए जरूरी टिप्स बताने जा रहे हैं।
मजबूत और यूनिक पासवर्ड्स यूज करें
हमेशा ऐसे मजबूत पासवर्ड्स यूज करें जो लेटर्स, नंबर्स, और सिंबल्स का कॉम्बिनेशन हों। एक ही पासवर्ड को कई अकाउंट्स के लिए यूज करने से बचें। कॉम्प्लेक्स पासवर्ड्स जेनरेट करने और सिक्योरली स्टोर करने में पासवर्ड मैनेजर आपकी मदद कर सकता है ।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) इनेबल करें
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन एक एक्स्ट्रा सिक्योरिटी लेयर जोड़ता है, जिसमें दूसरा वेरिफिकेशन स्टेप चाहिए होता है। जैसे- आपके फोन पर भेजा गया कोड। इससे अनऑथराइज्ड एक्सेस का रिस्क कम होता है।
अपना सॉफ्टवेयर अपडेटेड रखें
सुनिश्चित करें कि आपका ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउजर, और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर हमेशा अप टू डेट हों। अपडेट्स सिक्योरिटी वल्नरेबिलिटीज को फिक्स करते हैं, जिनका हैकर्स फायदा उठा सकते हैं।
फिशिंग अईमेल्स, मैसेजेस, या पॉप-अप्स में संदिग्ध लिंक्स पर कभी क्लिक न करें। साइबरक्रिमिनल्स पर्सनल इंफॉर्मेशन चुराने के लिए फिशिंग स्कैम्स यूज करते हैं। हमेशा रिप्लाई करने से पहले सेंडर का ईमेल वेरिफाई करें।
सिक्योर वेबसाइट्स यूज करें
वेबसाइट के एड्रेस में ‘https://’ और एक पैडलॉक आइकन चेक करें, खासकर पर्सनल इंफॉर्मेशन डालने से पहले। अनसिक्योर्ड या अनजान वेबसाइट्स पर सेंसिटिव डेटा एंटर करने से बचें।
पब्लिक वाई-फाई पर सेंसिटिव ट्रांजैक्शन्स से बचें
पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क्स साइबर अटैक्स के लिए वल्नरेबल होते हैं। अगर यूज करना ही पड़े, तो बैंक अकाउंट्स में लॉगिन या ऑनलाइन परचेज करने से बचें। एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) आपका कनेक्शन एन्क्रिप्ट करने में मदद कर सकता है।
डाउनलोड्स में सावधानी बरतें
सिर्फ ट्रस्टेड सोर्सेज से सॉफ्टवेयर या फाइल्स डाउनलोड करें। मैलिशियस फाइल्स आपके डिवाइस को मैलवेयर, स्पायवेयर, या रैनसमवेयर से इन्फेक्ट कर सकती हैं।
प्राइवेसी सेटिंग्स को एडजस्ट करें
सोशल मीडिया, ब्राउजर्स, और ऑनलाइन अकाउंट्स की प्राइवेसी सेटिंग्स को रेगुलरली रिव्यू और अपडेट करें, ताकि आपकी पर्सनल इंफॉर्मेशन शेयर करने की मात्रा कंट्रोल में रहे।
एंटीवायरस और फायरवॉल प्रोटेक्शन यूज करें
एक भरोसेमंद एंटीवायरस प्रोग्राम थ्रेट्स को डिटेक्ट और रिमूव कर सकता है। जबकि, फायरवॉल एक एक्स्ट्रा डिफेंस लेयर जोड़ता है, जो अनऑथराइज्ड एक्सेस को ब्लॉक करता है।
शेयर करने से पहले सोचें
अपना एड्रेस, फोन नंबर, या फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन जैसी पर्सनल डिटेल्स ओवरशेयर करने से बचें। साइबरक्रिमिनल्स इस डेटा का यूज आइडेंटिटी थेफ्ट या फ्रॉड के लिए कर सकते हैं।
इन बेस्ट प्रैक्टिसेज को फॉलो करके आप इंटरनेट को सेफ तरीके से ब्राउज कर सकते हैं और अपनी पर्सनल इंफॉर्मेशन को साइबर थ्रेट्स से प्रोटेक्ट कर सकते हैं। हमेशा सतर्क रहें और ऑनलाइन सिक्योरिटी को प्राथमिकता दें।