13.1 C
Raipur
Sunday, December 15, 2024

50 साल में पहली बार मिला Asthma का इलाज! पहली डोज से ही दिखेगा मरीज पर असर

Must read

अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) के गंभीर बीमारी है, जिसका अभी तक को भी इलाज नहीं था। इस बीमारी से पीड़ित होने पर व्यक्ति को जीवनभर इसके साथ जीना पड़ता है, लेकिन अब इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए एक खुशखबरी सामने आई है। 50 वर्षों में पहली बार, गंभीर अस्थमा और COPD के अटैक के इलाज का एक नया तरीका खोजा गया है। इस इलाज के सामने आने के बाद इसे अस्थमा और COPD के इलाज में एक गेमचेंजर माना जा रहा है।

ब्रेकथ्रू लैंसेट की एक स्टडी के मुताबिक, एक परीक्षण में यह पाया गया कि मरीजों पर स्टेरॉयड टैबलेट्स की जगह इंजेक्शन ज्यादा प्रभावी था और यह आगे के इलाज की जरूरत को 30% तक कम कर देता है। लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित स्टडी के अनुसार यह दुनिया भर में अस्थमा और सीओपीडी से पीड़ित लाखों लोगों के लिए परिवर्तनकारी हो सकता है।

इस इंजेक्शन का नाम बेनरालिजुमैब है, जो एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है, जो फेफड़ों की सूजन को कम करने के लिए खास व्हाइट ब्लड सेल्स, जिन्हें इओसिनोफिल्स कहा जाता है, को टारगेट करता है। दरअसल, फेफड़ों की यह सूजन अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों के लिए परेशानी की वजह बनती है। शोध में पाया गया कि अस्थमा अटैक आने पर अगर पीड़ित को यह इंजेक्शन दिया जाए, तो इसकी सिर्फ एक सिंगल डोज ही बहुत प्रभावी हो सकती है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक अस्थमा एक प्रमुख नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) है, जो बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित करती है। हालांकि, यह बच्चों में सबसे आम पुरानी बीमारी है। यह बीमारी फेफड़ों के छोटे एयरवेज की सूजन और सिकुड़न का कारण बनती है, जिससे पीड़ित को खांसी, घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ और सीने में जकड़न की समस्या हो सकती है।

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article