छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के लिए गर्व का क्षण है। गुजरात में 31 अक्टूबर को आयोजित होने वाली “एकता परेड 2025” में बस्तर का टेबलौ राष्ट्रीय मंच पर शामिल किया गया है।
इस वर्ष का बस्तर थीम है — “संघर्ष से विकास, डर से विश्वास की ओर”, जो क्षेत्र में हुए सामाजिक परिवर्तन, विकास और शांति स्थापना की कहानी को दर्शाता है।
बस्तर की झांकी का विशेष आकर्षण
बस्तर की झांकी में जनजातीय संस्कृति, नृत्य, लोककला, और विकास यात्रा का सुंदर संगम देखने को मिलेगा। टेबलौ में पारंपरिक मुरिया नृत्य, बस्तर धातु शिल्प कला, और महिला स्व-सहायता समूहों की उपलब्धियों को भी प्रमुखता दी जाएगी। “यह झांकी बस्तर की आत्मा और संघर्ष को दर्शाती है — जहां डर से विश्वास की ओर एक नया भारत उभर रहा है।”
— आयोजन समिति सदस्य
“एकता परेड 2025” में बस्तर की भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आयोजित होने वाली इस परेड में देशभर से चुने गए टेबलौ एकता, विविधता और विकास का प्रतीक होंगे। बस्तर की झांकी को इसके वास्तविकता-आधारित प्रस्तुतीकरण और सांस्कृतिक समृद्धि के कारण चुना गया है।इस मंच पर बस्तर भारत के शांति और प्रगति मॉडल के रूप में उभरेगा।
विकास और विश्वास की नई कहानी
बस्तर का यह प्रदर्शन दिखाएगा कि कैसे वर्षों तक संघर्ष झेलने वाले इस क्षेत्र ने अब शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं।यह थीम राज्य सरकार के “विकास के साथ विश्वास” के विज़न को भी दर्शाती है।

 
                                    







