दिल्ली की सोनल रॉय ने हाल ही में एक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने ‘Bihari’ शब्द के अपमानजनक इस्तेमाल पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि कैसे कुछ लोग इसे गाली की तरह इस्तेमाल करते हैं और बिहारियों को छोटा महसूस कराने की कोशिश करते हैं।
सोनल रॉय ने अपनी पोस्ट में लिखा कि वह दिल्ली मेट्रो में सफर कर रही थीं, जब उन्होंने एक आदमी को फोन पर कहते सुना, “आप मुझे पांच बार फोन क्यों कर रहे हैं? क्या आप बिहारी हैं?” सोनल ने कहा, “मैं वहां एक बिहारी थी, इसलिए यह सुनकर मुझे दुख हुआ।”
नेगेटिव सोच के पीछे का इतिहास
सोनल ने यह भी बताया कि बिहारियों को लेकर नकारात्मक सोच का इतिहास काफी पुराना है। ब्रिटिश शासन के दौरान बिहार के लोगों को सस्ते मजदूर के रूप में भेजा जाता था। आजादी के बाद भी गरीबी और विकास की कमी ने इस स्थिति को और बिगाड़ा। भ्रष्टाचार और पिछड़ेपन की छवि के कारण बिहार के लोग अक्सर अपने राज्य को लेकर शर्म महसूस करते हैं।
सोनल ने बताया कि बिहार ने कई समस्याओं का सामना किया है, जैसे कमजोर सरकार, अपराध और कम सिविक सेंस। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि बदलाव हो रहा है। उनका कहना है, “हमें थोड़ा समय दीजिए। हम उठेंगे, हम चमकेंगे। हमें जज करने से पहले याद रखिए कि हम इंसान हैं।”
इंटरनेट पर वायरल हुई पोस्ट
सोनल की पोस्ट इंटरनेट पर खूब वायरल हुई और लोगों ने इसे सपोर्ट किया। एक यूजर ने लिखा, “लोगों को बदलते बिहार से सीखना चाहिए कि कैसे लोग पलायन कर रहे हैं, आत्मनिर्भर बन रहे हैं और खुद को बेहतर बनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं।”
दूसरे यूजर ने कहा, “आपने बिल्कुल सही कहा, आखिर में यह मायने रखता है कि आप अपने राज्य से गर्व महसूस करें।”
सोनल रॉय की यह पोस्ट न केवल बिहारियों को उनकी पहचान पर गर्व करने का संदेश देती है, बल्कि समाज में नकारात्मक सोच को चुनौती देने का भी प्रेरक उदाहरण बन गई है।